समाज को एक नई दिशा देने का कार्य निरंतर जारी रखा है कवियों ने
आनलाईन कवि सम्मेलन...... नागदा(मप्र)। आज की कठिन परिस्थितियों में कवियों ने अपनी रचनाधर्मिता द्वारा समाज को एक नई दिशा देने का कार्य निरंतर जारी रखा है। कभी श्रृंगार तो कभी…
आनलाईन कवि सम्मेलन...... नागदा(मप्र)। आज की कठिन परिस्थितियों में कवियों ने अपनी रचनाधर्मिता द्वारा समाज को एक नई दिशा देने का कार्य निरंतर जारी रखा है। कभी श्रृंगार तो कभी…
गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** 'बाल श्रम दिवस' १२ जून विशेष ये ईश्वर स्वरूप,ये देव रूप,मत करो इनका बचपन कुरूप।तन कोमल,मन निर्मल है,ये माखन चोर कृष्ण स्वरूप॥ ये भविष्य देश…
प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** 'बाल श्रम दिवस' १२ जून विशेष मेहनत कर करता गुजाराजीवन का कर्म एक सहारा।किस्मत ने किया जिसे वरण,बाल-श्रम की व्यथा मर्म-मर्म। हर कोई है दुत्कार जाता,कोई…
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* घने पेड़ों के झरमुट में बसा हुआ अकीलपुर गाँव,अपनी शोभा,रहन-सहन में अकेला था। नदी किनारे बसा हुआ,हरे-भरे ब़ागों से घिरा हुआ,जरूरत पूरी करने के…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** अमेरिका के अश्वेत नागरिक जाॅर्ज फ्लाएड की हत्या के विरोध में कितने जबर्दस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका में ऐसी उथल-पुथल तो उसके गृह-युद्ध के समय ही…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** मैं श्रद्धा सम्मान की,लज्जा का आगार।अम्ब प्रथम,फिर प्रेयसी,करुणामय अवतार॥ स्नेह नयन आँसू भरे,पोषणीय उर क्षीर।ममता का आँचल खुला,लिख परसुख तकदीर॥ स्नेह सुधा सरिता बनी,अवगाहन…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** नया सवेरा आ गया,सबको करूँ प्रणाम।हम मिलजुल करके करें,पूरा हो सब काम॥ फूल खिले हैं बाग में,भौरें भी मँडराय।नया सबेरा छा गया,पंछी गाना गाय॥…
राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** "इन्सान भी क्या खूब है ? दिन-रात तो ढेर सारे पाप करता है और सुबह गंगा में एक डुबकी लगाकर सारे पाप धो लेता है तथा पुण्य…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचनाशिल्प:१६/१३) भीड़ भरी इस दुनिया में अब,जीना हुआ हराम है।हे माधव अब पार लगाना,तुमसे ही अब काम है॥ नहीं सहारा दिखता मुझको,एक तुम्हीं पर आस…
सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’कोटा(राजस्थान)***************************************************************** मिलेकितने ही लोग,जिन्दगी के दोराहों परपर पता नहीं,किन गलियों मेंखो गए,सम्बन्ध थे पुरानेवे टूटते रहे,और इसी बीचजुड़ते रहेकुछ नए।जिन्दगीरुकी नहीं,चलती रहीविवश-सीइच्छा के आगे,बुनती रहीसपनों का जाल,ले हाथों…