रखना ध्यान…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ करना मान- बुज़ुर्ग माँ-बाप का, रखना ध्यान। करोगे सेवा- निःस्वार्थ भावना से, मिलेगा मेवा। रखना ख़ुश- भूल कर मत दो, कोई भी दुःख।…

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खो गया समय

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** "हैलो,हाँ यार अनिल,मैं शहर पहुँच चुका हूँ। तुम कहाँ हो ?" राजेश अपने मित्र को फोन पर पूछ रहा था। कई वर्षों बाद वह किसी काम…

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शर्म करो

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* राम-रहीम की धरती पर यूँ न अधर्म करो, बहन-बेटियों को मत नोंचो,कुछ तो शर्म करो। वह भी किसी की बेटी है, जिस कोख से तूने…

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जज्बात

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** खेल जाते हैं कुछ लोग, बड़ी ही मासूमियत से किसी की जिंदगी से। भूल जाते हैं ऐसे में वह, क्या गुनाह कर जाते हैं। मुस्करा कर…

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ओम व्यास,बाबा डबराल,श्रीकृष्ण सरल,प्रभाकर श्रोत्रिय,मदन मोहन मालवीय सहित नगर की ५ विभूतियां सदी के सितारों में शामिल

डॉ.देवेन्द्र जोशी की पुस्तक 'सदी के सितारे' का हुआ प्रकाशन उज्जैन(मध्यप्रदेश)। देश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध उज्जैन की ५ विभूतियों को सदी के २४ सितारों में शुमार…

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अलकनंदा

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* नील रंग लिए बहती अलकनंदा, जैसे खुले आकाश में पंख फैलाने कोई परिंदा। भागीरथी संग मिल बना पवित्र संगम, असंख्य श्रद्धालुओं का होता समागम। अलकनंदा…

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बताओ,अब किधर जाऊँ मैं

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ बताओ तुम्हीं अब किधर जाऊँ मैं, चलूँ साथ मंदिर कि घर जाऊँ मैं। गुलाबी हँसी के महाजाल में, कहीं टूटकर ना बिखर जाऊँ मैं।…

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हमारी सोच पर निर्भर करता है-काम छोटा या बड़ा

सत्यम सिंह बघेल लखनऊ (उत्तरप्रदेश) *********************************************************** हमें लगता है कि एक चाय वाला,चालक,दर्जी,किसान,पान की दुकान वाला या फिर जूते पॉलिश करने वाला एक सीमा तक ही सफल हो सकते हैं।…

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शुचिता की परिभाषा

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** आओ गीत सुनाऊँ तुमको, 'शुचिता की परिभाषा' का, मनभावों में पलता है उस,जीवन की अभिलाषा का। इन नयनों में नेह-स्नेह की,बहती निर्मल धारा हो, दीन-दु:खी…

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नहीं शर्मसार करो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** रोज़ उसको न बार-बार करो। जो करो काम आर-पार करो। आ के बैठो गरीबखाने में, मेरी दुनिया को मुश्कबार करो। तेरे बिन…

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