गर्मी में…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान) *********************************************************************************- झुलस रहे हैं पौधे सारे झुलस रही हैं सभी लताएँ, सारे तन को जला रही हैं दक्षिण की ये गर्म हवाएँ, जल से अपनी…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान) *********************************************************************************- झुलस रहे हैं पौधे सारे झुलस रही हैं सभी लताएँ, सारे तन को जला रही हैं दक्षिण की ये गर्म हवाएँ, जल से अपनी…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** जाति मज़हब देखकर पागल रहे। सद्गुणों के जो नहीं कायल रहे। जो हमें भूला रहा हर दौर में, हम उसी के प्यार…
इंदौर। हिन्दीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा आयोजित स्पर्धा ‘मातृ दिवस’ विशेष के परिणाम ३० मई को घोषित कर दिए गए हैं। सर्वश्री डॉ.शशि सिंघल,नताशा गिरी,शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी',निर्मल कुमार शर्मा,बोधनराम निषादराज…
मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* मन के मरुथल में हैं बो दिये बबूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल। सौगात मिली है जो मुझको कैसे करूँ इंकार, सारे गम…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* आत्मदृष्टि पाना ही दु:ख हरण का मार्ग है, करम ताे जीवन फिर क्याें पीड़ा की आग है ? क्यों सोचता है मानव हर…
डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल का यह शपथ-समारोह अपने-आपमें एतिहासिक है,क्योंकि यह ऐसा पहला गैर-कांग्रेसी मंत्रिमंडल है, जो अपने पहले पांच साल पूरे करके दूसरे पांच साल…
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मन बड़ा बलवान है ये, मन बड़ा बलवान। कभी तो लगता ईश्वर है, ये कभी लगता शैतान। मन बड़ा बलवान है ये मन... लाख…
सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** इश्क का रोग बुरा है,इश्क न करिये कोय। जो इस जग में इश्क करे,खूं के आँसू रोय॥ सवैया- सखी इश्क का रोग मोहे ऐसो लगो है,…
मोनिका गौड़’मोनिका’ बीकानेर (राजस्थान ) ************************************************** मैंने जो जाना लिखा जो पहचाना लिखा, जो ना जाना,ना पहचाना वो महसूस कर लिखाl जानने,लिखने और पहचानने के बीच फिसलते रहे कुछ अनुभव,…
बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* (रचनाशिल्प:बहर २१२२ २२२२ २२) सत्य बोलूँ तो कहते पागल है, झूठ बोलूँ तो कहते पागल है। बात इतनी ही तो अब सब बोले, जो…