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माँ की परवाह

प्रेरणा सेन्द्रे
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष……….


माँ तुम जरा भी बाहर न निकलना,
अस्सी की उम्र तुम्हारी,जरा संभल कर रहना।

बाँहें फैलाए बाहर पसरी ‘कोरोना’ की महामारी,
हा-हा कार में फँसी माँ यह दुनिया सारी।

इतनी उम्र में शायद तुमने देखा ना होगा,
कि तुम्हारे मंदिर का कान्हा दरवाजा लगा कर बैठा होगा।

घर में बैठकर बस हरे कृष्णा जपना,
तुम्हें स्वस्थ और खुश देखना है मेरा सपना।

कुछ हुआ तो कैसे मिल पाऊंगी तुमसे,
जब कोरोना आया चिंता है तुम्हारी तबसे।

माँ दुआ करो,सारे संसार से भागे कोरोना,
माँ हमें कोई डर नहीं,क्योंकि तुम तो साथ हो ना॥

परिचय : प्रेरणा सेन्द्रे का निवास इन्दौर में ही है। एमएससी और बीएड(उ.प्र.) तक शिक्षित होकर आप वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आपने योग का कोर्स भी किया है। लेखन में आप शौकियाना हैं। श्रेष्ठ लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। आपकी जन्म तिथि-१४ नवम्बर १९७१ हैl वर्तमान में इंदौर(म.प्र.) में ही रहती हैंl सामाजिक गतिविधि में आप थैलीसीमिया के लिए कार्यरत संस्था में संयुक्त सचिव पद पर सेवारत हैंl लेखन विधा में-कविता,कहानी,लघुकथा लिखती हैंl  आपको साहित्यिक संस्थाओं द्वारा शब्द शक्ति सम्मान आदि दिए गए हैं,तो विशेष उपलब्धि में जय महाकाल @ सिंहस्थ के लिए इंदौर में सम्मान,भोपाल में सम्मान और साझा संग्रह में रचना प्रकाशन के लिए सम्मान पाना हैl श्रीमती सेन्द्रे की लेखनी का उद्देश्य-अपने विचारों को लेखनी से जीवित रखना एवं दूसरों तक पहुँचाना हैl

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