भारत भू के कर्णधार

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सरहद प्रहरी सैनिक कुमार,मेरे उपवन की नव बहार,भारत माता के शांति दूत,हे भारत भू के कर्णधार। उत्थान-पतन से दूर रहो,भौतिक सुख की ना चाह रखो,तुम सैनिक…

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अंतर मन से श्रेष्ठ बनें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. अंतर मन से श्रेष्ठ बनें तब,होगा जग कल्याण।सत्य पथिक नित बनना होगा,तब संभव है त्राण। हृदय बसाएँ प्रेम भाव को,नित आएँ…

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सौहार्द ही साख

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. हिलमिल रहना हर किसी से,मानव का व्यवहार।सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार॥ अपनापन उर भीतर रखिये,प्रेम बढ़ाता मान।भाईचारा भलमनचाहत,सच्चाई पहचान।नेकीपन जनहित…

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वो कहीं रूठ न जायें..

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** इस बात का डर है,वो कहीं रूठ न जायेंIनाजुक से हैं अरमान मेरे,कहीं टूट न जायें। फूलों से भी नाजुक है,उनके होंठों की नरमी,सूरज झुलस जाये,ऐसी साँसों…

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सैर गाँव की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आओ तुम्हें सैर हम गाँव की करायेंगे।मुलाकात तुम्हें धूप-छाँव से करायेंगे। पनघट पर जाती हुई गाँव की गौरी,श्रंगार सजी बैठी गाँव की ये छोरी।आज तुम्हें हरे-भरे खेत…

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आई भ्रष्टाचारन

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* चाँदी की पायल छनन-छनन,सोने के कंगन खनन- खनन।आयी पहने भ्रष्टाचारन,आयी पहने भ्रष्टाचारन। छन-छन पायल झंकारों से,नैनों के कुटिल प्रहारों से,संसद में देखो नाच रही,बतियाती खादी यारों…

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जन्नत बनाएँ यह पर्यावरण

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** रश्के 'जन्नत बनाएँ यह पर्यावरण।आओ हम सब 'सजाएँ यह पर्यावरण। इस 'धरा को सजाएँ 'चलो हर तरफ़।पेड़-पौधे लगाएँ 'चलो हर तरफ़।पानी हरगिज़ बहाए न बेजा कोई,यह…

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मानव जीवन न व्यर्थ गंवाना साथी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मानव जीवन आज मिला है,इसे न व्यर्थ गंवाना साथी।जीवन दीप कर्म है बाती,उजियारा बिखराना साथी॥ जीवन पाकर भूल न जाना,करना प्यार सभी अपनों कोपूर्ण हमेशा करना…

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आज की दुनिया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* आज की दुनिया कैसी हो गई,मत पूछो।प्रेम भावना कहाँ खो गई,मत पूछो॥ मानव तो अब रहा न नेहिल,बिखर रहे अरमानप्यार-वफ़ा की रही न क़ीमत,सोया है…

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अपनी धरती सजा लें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** पर्यावरण दिवस विशेष...... चलो आज हम अपनी धरती सजा लें।इसे फिर से पहले जैसी बना लें॥ रहे जिन्दगी भर ये 'पर्यावरण' दिन,सभी इन विचारों…

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