गर्मी के बाद बारिश का अहसास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** दिनकर ने शोले बरसाये,पर अब तो राहत है।बहुत दिनों के बाद सभी की,खिली-खिली तबियत हैll ताल-तलैयां रीत गये थे,नदियां भी थीं सूखी,बुझा-बुझा मन रहता था,और काया भी थी रूखीl बारिश की बूंदों से पर अब,हर उर आनंदित है।बहुत दिनों के बाद सभी की,खिली-खिली तबियत हैll कंठ शुष्क थे,जी घुटता था,बेचैनी … Read more

प्रियतम आओ

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** नीर नयन से बहते मेरे,झड़ी लगी ज्यों सावन की।ऐसा लगता है प्रिय मुझको,बीते घड़ी सुहावन की। प्रियतम अब तो आ भी जाओ,दिल में है अरमान भरे।क्यों तुझको ये समझ न आए,…..रहते हो क्यों सदा परे।हृदय भाव को समझो प्रियतम,प्रियसी मैं मनभावन की।नीर नयन से बहते मेरे,झड़ी लगी ज्यों सावन की…॥ मन … Read more

रोटियाँ

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)****************************************************************** भूख का श्रृंगार तो,होती हैं रोटियाँ,और माँ का प्यार भी,होती हैं रोटियाँ।जिंदगी बेशक लहू की, कर्जदार हो,रक्त का आधार तो, होती हैं रोटियाँ॥ भूप हो या भूप की सी,शान-ओ-शौकत ही सही,किन्तु उसने शाम को,मांगी थी रोटियाँ।मैं रहा मुजरिम मगर थे,वे जरा हाकिम बड़े,किन्तु सबने ही,खाईं थी रोटियाँ॥ थी कोई छोटी बड़ी या,गोल … Read more

उनके गुण गाता हूँ

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** माँ के प्रति जो श्रद्धा रखते,मैं उनके गुण गाता हूँ,अपना मस्तक श्री चरणों में,उनके यार झुकाता हूँ। रक्षा हित सीमा पर सैनिक,अपना शीश कटाते हैं।जननी पर जां अर्पित करने,बड़े शौक से जाते हैंlनतमस्तक जब देह समर्पित,करते उनको पाता हूँ।अपना मस्तक श्री चरणों में,उनके यार झुकाता हूँll जो चोला बलिदानी … Read more

चलो गाँव की ओर

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर।चीं चीं करके गीत सुनाती,चिड़ियों का हो शोर। कलकल बहती नदियाँ सुंदर,सुन लो सुंदर राग,हरी वादियाँ हृदय लुभाती,सुंदर होली फाग।कभी प्रदूषण नहीं घेरता,उठकर देखों भोर,चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर…॥ संस्कार की राह है चलते,मीठे उनके बोल,मेहनत से कभी हार न मानेदेखो … Read more

जड़ से इसे मिटा दें हम

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** राजनीति से ऊपर उठकर,जड़ से इसे मिटा दें हम।‘कोरोना’ के पैर तोड़ कर,के घुटनों पर ला दें हम। गली-गली में शहर-शहर में,कोरोना की दस्तक है।जो गंभीर नहीं है अब भी,उसे कहें क्या अहमक है।यह भी सच है जान कई ले,फूला नहीं समाता ये।और नए लोगों में जाकर,अपना रौब जमाता … Read more

कठिन डगर

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:ताटंक छंद १६/१४) कठिन डगर है इस जीवन की,दु:ख में सुख को पाना है।पार तभी होगा भवसागर,हरदम हँसते जाना है॥ कभी अँधेरा कभी उजाला,धूप छाँव तो होता है।कोई हँसता है इस जग में,और कभी वो रोता है॥रखो हौंसला मेरे साथी,दुनिया को दिखलाना है।कठिन डगर है… हार नहीं जाना है … Read more

वसुंधरा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वंसुधरा पर सुंदर जीवन,हो अपना आधार।भूले से भी कभी न बिगड़े,धरती का श्रृंगारll छिपा हुआ भूगर्भ सहत पर,भूजल का भंडार।शुद्ध रुप में बहे निरंतर,इससे ही संसार।व्यर्थ कभी मत इसे गँवाना,अमृत नीर उपहार।वंसुधरा पर सुंदर जीवन,हो अपना आधारll खनिज संपदा बहुत धरा पर,वंसुधरा की शान।मानव जीवन पर लोहा का,बहुत बड़ा है स्थान।जितना … Read more

किसानों की पीड़ा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** इस धरती पर देव है,अपने सभी किसान। उपजाते हैं अन्न को,सबके ये भगवान॥ आज दुर्दशा देख लें,नित्य बहाते नीर, आय नहीं है क्या करें,कितना सहते पीर, कठिन तपस्या ये करे,होता बचत न धान, इस धरती पर देव हैं,अपने सभी किसान। फसल मेहनत से उगे,मिलता उचित न मोल, लाभ कहाँ से होय … Read more

नहा रही है चिड़िया

रश्मि लता मिश्राबिलासपुर (छत्तीसगढ़)****************************************************************** धूल धूसरित देखो तो,नहा रही है चिड़िया।आँगन-आँगन फुदक,ची,ची मचा रही है चिड़िया।च.चकभी आकर मुंडेर बैठी,दाना चुगने की खातिरकभी दाने घोंसले पहुँचातीनन्हें बच्चे हैं आतुर।कभी फलों को कुतर रही,कभी तलाश में पानी की।कोई खेत दिखे ऐसा,जो हरा-भरा हो दाने दे।चुल्लू भर पानी में देखो,सर डुबा रही है चिड़िया।मस्ती में आकर प्यारी वो,नहा … Read more