मात्र इतनी अपेक्षा-जनता को गुमराह न करें

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* कांग्रेस कहती है कि वर्तमान सरकार की नीति है ‘फूट डालो और राज करो’, लेकिन इतनी संजीदा बात आराम से यह कह कर भूल जाना कि ‘कश्मीरी तो ३९९ ही गए,जबकि मुस्लिम १५ हजार। यह बात लिखने वाले भूल गए कि बच्चों की तरह लूडो तो १९४७ की कांग्रेस सरकार खेल … Read more

जनभाषा में न्याय के लिए न्यायपालिका से ही जंग

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** भारत भाषा सेनानी हरपाल सिंह राणा…. हर साल १५ अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस तो मनाते हैं लेकिन बिना स्वभाषा के स्व तंत्र कैसे हो सकता है और बिना स्व तंत्र के देश सही अर्थों में स्वतंत्र कैसे हो सकता है ? भारत की भाषा हिंदी को उसका सही स्थान दिलवाने … Read more

भारत-जापान सार्थक संवाद

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* जापान के नए प्रधानमंत्री फ्यूमियों किशिदा ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, यह अपने-आपमें महत्वपूर्ण है। भारत और जापान के बीच कुछ दिन पहले चौगुटे (क्वाड) की बैठक में ही संवाद हो चुका था लेकिन इस द्विपक्षीय भेंट का महत्व इसलिए भी था कि यूक्रेन-रूस युद्ध अभी तक … Read more

पारस्परिक सद्भावना जागृत की चैतन्य महाप्रभु ने

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** वैष्णव सम्प्रदाय के अन्तर्गत गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त,भक्ति योग के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु का जन्म फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा (१८ मार्च) को पश्चिम बंगाल के ‘मायापुर’ (नदिया) में जगन्नाथ मिश्र व शचीदेवी के घर हुआ था। जन्म के समय अलाउद्दीन हुसैनशाह नामक एक पठान ने … Read more

स्वर्ण प्राशन:अत्यंत लाभकारी लुप्त विधा को पुनर्जीवित करने की जरूरत

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************** आयुर्वेद में सोलह संस्कारों का विधान है,जिनमें से एक है-जात कर्म संस्कार,जिसके अंतर्गत स्वर्ण प्राशन करवाया जाता है। बच्चे के जन्म के समय किया जाने वाला यह संस्कार आयुर्वेद के ग्रंथों अनुसार वैद्य द्वारा मंत्रोच्चार के साथ स्वर्ण भस्म युक्त स्वर्ण प्राशन करवाया जाता था।प्राचीन शास्त्र अनुसार स्वर्ण प्राशन में गाय के घी … Read more

गाय की रक्षा एवं पूजन हमारा धर्म

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)***************************************** पशुओं का ध्यान रखने के अलावा गाय का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। गाय का (गोधूलि वेला ) जंगल से घर वापस लौटने का संध्या का समय अत्यंत शुभ एवं पवित्र है। गाय का मूत्र गौ औषधि है। माँ शब्द की उत्पत्ति गौ मुख से हुई है। मानव समाज ने भी माँ … Read more

यूक्रेन पर हमला:‘नाजीवाद’ और ‘नवनाजीवाद’ की लड़ाई ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** आज जबकि हम दुनिया में २ महाशक्तियों के वर्चस्व की लड़ाई में एक और हँसते-खेलते देश यूक्रेन को बर्बाद होते देख रहे हैं तथा इस थोपे गए युद्ध का औचित्य तलाशने की कोशिशें कर रहे हैं,तब इस बात की ओर कम ही लोगों का ध्यान गया है कि इस पूरे घटनाक्रम के … Read more

यूक्रेनः भारत पहल क्यों न करे ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर भारतीय लोगों की नजरें शुरु से गड़ी रही हैं लेकिन १ भारतीय छात्र की मौत ने देश के प्रचारतंत्र को हिलाकर रख दिया है। सरकार की तरह भारत की जनता भी अब तक बिल्कुल तटस्थ थी। वह रूस और यूक्रेन के इस युद्ध को एक तटस्थ … Read more

मातृभाषा अर्थात स्वभाषा का महत्व

डॉ. विजय कुमार भार्गवमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ स्वतंत्रता सैनानियों ने अपना बलिदान इसलिए दिया था कि उनका देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बने। उसके लिए उनका मानना था कि भारतीय भाषाएँ हर क्षेत्र में प्रतिष्ठापित हों और हिन्दी भारत की सम्पर्क राष्ट्रभाषा बने। क्या उनका सपना पूरा हुआ या आज मानसिक गुलामी … Read more

शिव यानि कल्याणकारी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** शिवरात्रि विशेष…. यह शाश्वत सत्य है कि हम दुनिया में मानव रूप में आए हैं तो जग कल्याण हमारा धर्म है। कल्याण करना एक शाश्वत सत्य है। जो सत्य है,वह सुन्दर न दिखते हुए भी सुन्दर होता है। कल्याणकारी कार्य एक सनातन सत्य है। जो सत्य है,वही शुभ है। इसीलिए यह उक्ति … Read more