हो विजया मानव जगत्

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** सकल मनोरथ पूर्ण हो,सिद्धदातृ मन पूज।सुख वैभव मुस्कान मुख,खुशियाँ न हो दूजll सिद्धिदातृ जगदम्बिके,माँ हैं करुणागार।मिटे समागत आपदा,जीवन हो उद्धारll सिंह वाहिनी खड्गिनी,महिमा अपरम्पार।माँ…

0 Comments

माप तौल कर बोल

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** (रचना शिल्प:मात्रा भार ११/१६) माप तौल कर बोल।सोच समझकर बोला करना॥ बोलो नहीं कुबोल।मृदु भाषी बन चलते रहना॥ बोली हो अनमोल।ठोक बजाकर बातें कहना॥ नहीं बजाओ…

0 Comments

गगन का चाँद

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. करे गगन का चाँद भी,सभी को अमृत दान।शीतलता दे चंद्रमा,करे सभी रस पानll शरद पूर्णिमा में करें,राधा-कृष्णा रास।शरद पूर्णिमा में…

1 Comment

नयन नशीले

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** नयन नयन की जब हुई,आपस में टकरार।उठा ज्वार उर उदधि में,फूट पडे़ उद्गार॥ नयन नशीले मद भरे,लब ज्यों सुर्ख पलाश।कंचन काया पर चढ़ा,यौवन का मधुमास॥ नयन…

0 Comments

मानव हृदय उजास हो

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** मानव हृदय उजास हो,होवे सुंदर काम। नेक कर्म अरु भाव से,मिलता जग में नामll बुरे कृत्य को छोड़ कर,लाएँ सुंदर भाव। मानवता की राह हो,कभी न…

0 Comments

सम्मान का मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** शक्ति भक्ति में मान ले,मन से कर ले भक्ति।नवरात्रों के पर्व हैं,माँ दुर्गा दे शक्ति॥ माता में हर शक्ति है,करे दीन का मान।शक्ति बने…

0 Comments

मुस्कान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************** जठरानल में अन्न हो,होंठों पर मुस्कान।सबके तन पर हो वसन,सबके पास मकानll धन वैभव सुख इज्जतें,सबको सदा नसीब।सभी बने शिक्षित सबल,सोचे नव तरकीबll सर्व…

0 Comments

विजयादशमी पर्व है अहंकार की हार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** विजयादशमी पर्व है,अहंकार की हार।नीति,सत्य अरु धर्म से,पलता है उजियारll मर्यादा का आचरण,करे विजय-उदघोष।कितना भी सामर्थ्य पर,खोना ना तुम होशll लंकापति मद में भरा,करता था…

0 Comments

माँ सबकी रक्षा करो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आई संकट की घड़ी,कर संकट से पार।जग कल्याणी माँ करूँ,विनती बारंबार॥ ज्योत जले जगमग सदा,माँ तेरे दरबार।हे माता जगदंबिके,गुण गाए संसार॥ सुमिरन तेरा मैं करुं,कर पूजा दिन…

0 Comments

नवदुर्गा रूप

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *************************************************** प्रथम रूप माँ शक्ति का,शैलपुत्रि है नाम।हेमसुता माँ अम्ब है,रूप बड़ा अभिराम॥ हे मात ब्रह्मचारिणी,संकट से कर पार।रूप दूसरा शक्ति का,कर सबका उद्धार॥ न्यारा ही ये…

0 Comments