महाशक्ति है दिव्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रामनवमी विशेष… महाशक्ति है दिव्य, रामजी जो कहलाते।हर पल ही जो भव्य, भक्त जिनको हैं भाते॥प्रभुवर रखते ताप, सभी के दुख हैं हरते।महिमा का विस्तार,पुष्प गरिमा के झरते॥ महाशक्ति है दिव्य, रामजी की है माया।करना प्रभु उद्धार, बोझ यह नश्वर काया॥तुम तो दीनानाथ, तुम्हीं हो सबके स्वामी।मैं तो नित्य अबोध, दुर्गुणी, … Read more

अप्प दीपो भव:

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* आप दीप जलते रहे, अंतर भरें प्रकाश।ज्ञान ध्यान के ध्येय से, हो तम का निज नाश॥सच्चे मन से सार, धार लें उत्तम शिक्षा।मानवता की राह, चलें लें ऐसी दीक्षा॥ दीन-दुखी के साथ चल, करें पुण्य शुभ काज।अन्न दान ही श्रेष्ठ है, नित्य करें आगाज॥नित्य करें आगाज, दीप सम करें उजाला।बाँटें निर्मल … Read more

नारी है अवतार

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* नारी है अवतार,हृदय में इसे बसाएँ।जगती का आधार,प्रेम के पुष्प चढ़ाएँ॥जीवन का उद्धार,जन्म देकर करती है।मुश्किल कितनी होय,कर्म से ये बढ़ती है॥ कभी बहन बन जाय,प्रेम से घर को रखती।दुख की होवें छाँव,धर्म के पथ पर चलती॥देती हरपल साथ,हाल कैसा भी होवे।मात-पिता का भार,निरंतर मन से ढोवे॥ बेटी फर्ज निभाय,काज में … Read more

बेटियाँ

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** बेटी से परिवार,नाम कुल रौशन करती।देना बेटी मान,जगत की पीड़ा हरती॥माँ-पापा की जान,सदा वो प्यार लुटाती।घर-आँगन को रोज,फूल-सी वह महकाती॥ लेती घर में जन्म,गूँजती है किलकारी।नन्हीं होती जान,सभी को लगती प्यारी॥लेते पापा गोद,नयन उनके भर आते।हँस-हँस कर वे रोज,प्यार अपना बिखराते॥ करो नहीं तुम भेद,एक तुम इसको जानो।होती दुर्गा … Read more

पुरखों को दो मान

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** पितृ पक्ष विशेष….. करते पूजा पाठ,पितर की करते सेवा।मन में श्रद्धा भाव,और खाते सब मेवा॥करते अर्पण नीर,देव को सभी मनाते।चावल जौ को साथ,हाथ लेकर सब जाते॥ करते पितृ को याद,साल में सब है आते।होते भगवन रूप,सभी अपने घर जाते॥छत के ऊपर बैठ,काग को भोग खिलाते।है पितरों का रूप,यहाँ हम … Read more

कृष्ण जन्म

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** जन्माष्टमी विशेष………. जन्म लिये जब कृष्ण,घना बादल था छाया।बरसे पानी मेघ,देख मन भी घबराया॥टूटे बेड़ी हाथ,पाँव के बंधन खोले।देख देवकी मात,तनिक कुछ भी नहिं बोले॥ बाल रूप में आज,प्रगट हो गये मुरारी।दिखे साँवला रूप,कृष्ण मारे किलकारी॥मधुर-मधुर मुस्काय,देवकी मात निहारे।अपने धुन में खेल,लगे हैं कितने प्यारे॥ पकड़े वासुदेव,सूप में कृष्ण … Read more

सावन तीज सभी को भाए

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ सावन की ये तीज,सभी के मन को भाये।बनते घर पकवान,द्वार आँगन महकाये॥हरियाली चहुँओर,पुष्प की खुशबू आती।रंग-बिरंगे पात,सभी के मन को भाती॥ सज-धज नारी आज,मायके में वो जाती।सखी सहेली साथ,बैठ के बात बताती॥मिलकर बहना भ्रात,खूब मस्ती है करते।मम्मी-पापा साथ,घरों में खुशियाँ भरते॥ बाबा भोलेनाथ,भजन सब मिलकर गाते।सखी सहेली साथ,सभी मन्दिर … Read more

शिक्षा है़ पिछड़ी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ हुआ साल बर्बाद,काल कोरोना आया।हुए सभी बीमार,कहर दुनिया में छाया॥कमरे में सब बंद,बैठ कर रहते सारे।दूर-दूर सब लोग,लगे जैसे बेचारे॥ स्कूल-कॉलेज बंद,पढ़ाई हुई अधूरी।निकली कुछ तरकीब,ऑनलाइन की पूरी॥बच्चे बैठे रोज,हाथ मोबाइल पकड़े।बीमारी भी साथ,सभी बच्चों को जकड़े॥ करे बहाने रोज,हाथ मोबाइल भाये।खेला करते गेम,पढ़ाई समझ न आये॥पुस्तक-कॉपी देख,परीक्षा लिखते … Read more

जनसंख्या पर रोक करो भाई

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ बढ़ते संख्या रोज,लोग भी बढ़ते जाते।नहीं नियंत्रण होय,तभी संकट है आते॥आबादी को देख,सदा बढ़ती महँगाई।जनसंख्या पर रोक,करो सब मिलकर भाई॥ करे नौकरी आस,बढ़ा के बच्चे सारे।घूमे कागज रोज,लोग किस्मत से हारे॥बेटी-बेटा एक,भेद ना इसमें जानो।जीवन का आधार,सदा दोनों को मानो॥ जनसंख्या पर रोक,करें जल्दी ही जारी।महँगाई की मार,पड़ी है … Read more

वादा

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ वादा कर के आप,कभी तुम भूल न जाना।रखना हर पल याद,हमेशा साथ निभाना॥कच्ची पक्की डोर,बनी है सब की यारों।थामे रहना हाथ,खुशी आयेगी प्यारों॥ करना ऐसा काम,नाम होगा जग सारा।देना खुशी अपार,मिटेगा सब अँधियारा॥वादा कर के आप,कभी ना पीछे जाना।लेकर अपनी जीत,लौट कर वापस आना॥