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कृष्ण जन्म

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
पंडरिया (छत्तीसगढ़)
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जन्माष्टमी विशेष……….

जन्म लिये जब कृष्ण,घना बादल था छाया।
बरसे पानी मेघ,देख मन भी घबराया॥
टूटे बेड़ी हाथ,पाँव के बंधन खोले।
देख देवकी मात,तनिक कुछ भी नहिं बोले॥

बाल रूप में आज,प्रगट हो गये मुरारी।
दिखे साँवला रूप,कृष्ण मारे किलकारी॥
मधुर-मधुर मुस्काय,देवकी मात निहारे।
अपने धुन में खेल,लगे हैं कितने प्यारे॥

पकड़े वासुदेव,सूप में कृष्ण सुलाये।
गड़-गड़ गरजे मेघ,नन्द बाबा घर जाये॥
करते यमुना पार,राह कठिनाई आये।
लेते प्रभु का नाम,राह को ईश दिखाये॥

खुश होते हैं ग्वाल,सभी त्यौहार मनाते।
बजते ढ़ोलक-ताल,गीत खुशियों के गाते॥
खुशी-खुशी से देश,जलाते दीपक प्यारे।
कृष्ण जन्म में आज,मनाते उत्सव सारे॥

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