पाकिस्तान का जन्म

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** हुआ था जन्म जब तेरा, तबाही बहुत मची थी। इंसानियत की सारी हद, पार लोगों ने कर दी थी। भाई-भाई से आपस में, बिना वजह लड़े।…

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ख़ुद जीवन का रिपु मनुज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** जीवन का रिपु मनुज,खड़े मौत आगाज। बिन मौसम छायी घटा,वायु प्रदूषित आजll भागमभागी जिंदगी,बढ़ते चाहत बोझ। सड़क सिसकती जिंदगी,वाहन बढ़ते रोज॥ चकाचौंध उद्यौगिकी,नभ…

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मेरा देश…मेरी पूजा…मेरा देव

डॉ.दिलीप गुप्ता घरघोड़ा(छत्तीसगढ़) ******************************************************** देश मेरा देव मेरा,साँस मेरी जान है..., नभ में लहराता तिरंगा,हिन्द का सम्मान है फहरता जब तक रहे,आज़ाद हिंदुस्तान है। तिरंगा हर भारतीय की जान है-अभिमान…

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भरा यदि है खून..

रणदीप याज्ञिक ‘रण’  उरई(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************** भरा है यदि खून तो, खौलना भी सीख लो खून को क्रोध में नहीं, पसीने में बहाना सीख लो। यदि गर्म हवा भी चलेगी, ठंडक…

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धुंध की चादर

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* छायी धुंध की चादर, शहरों में घुटन ऐसी जन-जीवन का अभिशाप, उफ्फ कर रहा हर जंतु-जीवl प्रगति कहे मानव दोषी, मानव कहे प्रगति…

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जीवन,जीवन ना रहा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** दुनिया कैसी हो गई,कैसे हैं अब लोग। पूजा से सब दूर हैं,चाहें केवल भोग॥ सेवक बनकर घूमते,पर करते हैं राज। सेवा का कोई नहीं,करता…

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रोटी और मकान नहीं है

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** रोटी और मकान नहीं है, जीवन यह आसान नहीं है। खुद की बदहाली पर सोचो, रोता कौन किसान नहीं है। फुटपाथों पर सोने वाला,…

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जिंदगी इक संघर्ष

तृप्ति तोमर `तृष्णा` भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* जिंदगी का उपनाम है संघर्ष, इशारों पर नचाती जैसे सर्कस। जिंदगी का हर रुप है चुनौती, हर पहलू में नया रंग दिखलाती। कभी टूटती है…

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प्रकृति

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** चलते-चलते, दूर निकल गई इन वादियों में, खो गई... कितनी खूबसूरत है ये ज़मीं,ये आसमां, ये सारी प्रकृति...l   जाऊंगी कहां, पता नहीं आसमां झुक रहा…

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आओ हास करें..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** जीवन कितने दिन का ?,आओ हास करें। छोड़ उरों से रिपुता,मिलकर रास करेंll यमशाला है भू पर,भू पर इन्द्रपुरी। क्या मिलता है किसको,उर में छिपी…

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