प्यास
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************* कटते जंगल नित्य हैं,हुआ प्रदूषण घोर।प्यासी मरती है धरा,संकट है चहुँ ओर॥संकट है चहुँ ओर,वन हो गए हैं खाली।तड़प रहे सब जीव,प्यास से हो बेहाली॥कहता कवि…