शिक्षा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* शिक्षा देती है हमें,जीवन में संस्कार। हो प्रकाश चहुँओर से,होय ज्ञान प्रसार॥ होय ज्ञान प्रसार,भय से मिल जाए त्राण। हो अज्ञान विनाश,है शिक्षा जग का…

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अनेकता में एकता

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* नाना संस्कृतियां यहाँ,विविध धर्म के लोग। मिलजुलकर रहते सभी,नदी नाव संजोग॥ नदी नाव संजोग,विविध है भाषा भाषी। जाति पाति हैं विविध,सभी है हिन्द निवासी॥ कहे…

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कहना

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कहना- कहना बस मेरा यही,सुन नव कवि प्रिय मीत! शिल्प कथ्य भाषा सहित,रखें भाव सुपुनीत! रखें भाव सुपुनीत,छंद लिखना कुण्डलियाँ! सृजन धरोहर काव्य,उठे क्यों कभी अँगुलियाँ!…

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ममता

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ममता और स्नेह का,माँ होती भंडार। बिन माँ के कुछ भी नहीं,खाली है संसार॥ खाली है संसार,माँ होती शक्तिशाली। ममता से भरपूर,माँ होती है निराली॥…

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पुरुषार्थ

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* जीवन में पुरुषार्थ का,सदा करो तुम मेल। रहो सदा हँसते हुए,दो दिन का यह खेल॥ दो दिन का यह खेल,असत्य न इसको मानो। जीवन है…

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वीणापाणि

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* वीणापाणि सरस्वती,करे ज्ञान संचार। वरदा माता बुद्धिदा,सुभग साज श्रृंगार॥ सुभग साज श्रृंगार,दो विमल मति हे माता। मांगू हस्त पसार,मात हे भाग्य विधाता॥ कहत नवल करजोरि,करो…

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प्रातः वंदन

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* सबका अभिनंदन नमन,करें प्रातः प्रणाम। परमपिता का स्मरण कर,शुरू करें हम काम॥ शुरू करें हम काम,करें सब ही का वंदन। सबका हो कल्याण,सभी मिट जाए…

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सावन जब बरसे

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** सावन जब बरसे सरस्, तन-मन सब हर्षाय। मोर पपीहा हो मगन, झूम-झूम अकुलाय। झूम-झूम अकुलाय, सुहाना मौसम आया। धरती का यह रूप, सभी के…

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बोली

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बोली- बोली मीठी बोलना,कहते संत सुजान। यही करे अंतर मनुज,कोयल कागा मान। कोयल कागा मान,मनुज सच मीठा बोले। झूठ बोल परिवेश,हलाहल मत तू घोले। शर्मा बाबू…

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माता रानी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माता रानी अम्बिके,कर देना शुभ काज। आए तेरे द्वार पर,रखना सबकी लाज॥ रखना सबकी लाज,शरण में आज तिहारे। देखो हाहाकार,मचा है देश हमारे॥…

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