क्यों न मृत्यु का भी उत्सव किया जाए!

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** एकमात्र शाश्वत सत्य यही, शिव के त्रिनेत्र का रहस्य यही चंडी का नैसर्गिक रौद्र नृत्य यही, कृष्णा-सा श्यामला,राधा-सा शस्य यही। तो क्यों न मीरा-सा इसका…

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गद्दारों की बोली

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** निकल पड़ी फिर से जयचंदों की टोली है, सुनो इनकी कैसी ये देशविरोधी बोली है। पाक की मेहबूबा रोई,अब्दुल्ला भन्नाया है, आतंकी आका को…

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`आत्मजा`

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* आत्मजा खंडकाव्य से अध्याय-७ कहते यों बह पड़ीं दृगों से, अविरल दो मोटी धाराएँ निकल पड़ी ज्यों तोड़ स्वयं ही, पलकों की तमसिल काराएँl तारों-सी हो…

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स्मृति

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काली अंधियारी रात में मेरा साया हँसा मुझ पर, हे मन बावरे काहे खोजे तू उसे जो तेरे साथ नहींl माना कि तेरे पास नहीं है,…

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छाया बसंत ️

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** छाया बसंत अब दिक् दिगंत, है सुरभित छवि बहु दिशि बसंत। फूटे हैं कोमल नवल अंग, तरु-पुष्प-लता लद गये वृंतll मधुरस फैला चहुँओर आज, है…

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जवानी

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* बहुत कुछ कर गुजरने को,मचलती भावनाएं जब, नहीं अन्याय सह पाती,रगों में वह रवानी है। न केवल उम्र से ही वास्ता होता है सब उसका, जवानी…

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हड़ताल और बीमार बेटा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** मन अनहोनी की शंका से, थर-थर-थर-थर कांप रहा है आधी रात हुई है बेटा, पल-पल देखो हाँफ रहा है। अस्पताल जाना है लेकिन, हड़ताल…

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चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ

डॉ.किशोर जॉन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************** चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ, ज़िन्दगी का साथ हो मुमकिन नहीं रोज़ मुलाक़ात हो मुनासिब भी नहीं, कुछ यू ही हो अफ़सानी बातें कुछ हँसी-कुछ…

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खत मेरे इजहार के

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* नाच नाचा जब नचाया,गीत गाये प्यार के चीर के दिल जख्म दिखाये,इश्क की मार के, कोई तो होगा जतन,जो करूं मैं आखिरी कम नहीं होते…

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आजा मैया मेरे द्वार

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** मन मेरा माँ रहा पुकार, आजा मैया मेरे द्वार। दुर्भावों का कर संहार, भर दे मैैैया ज्ञान अपारll अँखियाँ तुझको रहीं निहार, चाहूँ दर्शन बारम्बारl…

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