खून की होलियाँ

मनोज कुमार ‘मंजू’ मैनपुरी(उत्तर प्रदेश) **************************************************************************** आज देश महफूज कहाँ है अपने ही गद्दारों से, सीमा पर तो रण कर लेंगे,निपटें कैसे खोटों से। कौन कहे इन हैवानों की करतूतें…

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वीर शहीदों को नमन…

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वीर शहीदों की शहादत, कैसे हम भूल पायेंगे श्रद्धांजलि,श्रद्धासुमन अर्पित कर, ऋण कैसे हम चुकायेंगेl अतुल्य निधि देश के वीर जवान, सरहद पर नज़र टिकायेंगे…

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होली समरस का त्यौहार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आया है खुशनुमा त्यौहार, द्वेष घृणा स्वार्थ विकार समन्वित धर्म जाति भाषा विभेद सभी का, होलिकाग्नि में होता है संहार। महाविजय का परिचायक,…

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होली में उड़े गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल रंग हुआ लाल, होली का सुखद त्योहार पीली सरसों नारंगी पलाश, भूले मलाल भूले मलाल आज है ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल…

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न जाने कैसी होली है!

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रंगो में उत्साह नहीं है, और उमंगें अनबोली है। न जाने कैसी होली है...!! मुस्कानें हो गई खोखली, न नैनों में है न वो मस्ती...…

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अनेकता में एकता

सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’ छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) ****************************************************** अनेक रंग अनेक रूप, अनेक पंथ है जहां। अनेक धर्म अनेक कर्म, अनेक भाषा बोलियां जहां। विविध रंगों से रंगा हुआ, एक मेरा हिन्दुस्तां।…

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बुरा न मानो भाई होली है

वाणी बरठाकुर ‘विभा’ तेजपुर(असम) ************************************************************* बुरा न मानो भाई होली है, ये तो मस्तानों की टोली है। हम भी कुछ लेकर आए हैं झोली में, अरे भाइयों पहले रंग न…

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बाबुल तेरे अंगना में

रुपा कुमारी हावड़ा(पश्चिम बंगाल) ************************************************************* बाबुल तेरे अंगना में, मैं मस्त हवा का झोंका हूँ। बाबुल तेरे शहर में, मैं परियों की शहजादी हूँ। बाबुल तेरे अंगना की, मैं चहकती…

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जगती चेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* मँहगाई से ऊब चुका हूँ थोड़ी साँस हमें लेने दो, जग में व्याप्त बुराई से लड़-लड़ कर मैं टूट गया हूँ, थोड़ा मुझे सुधर लेने दो।…

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रंगों की फुहार

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** राधा बृषभान की छोरी,प्रेम रंग से खेले होली, मन पर प्रेम र॔ग की पिचकारी,श्याम ने खूब मारी... अंग-अंग,रोम-रोम भीगा,राधा श्याम की होली। गोपियों का महारास,बना गोकुल…

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