न प्यार निभा सके

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* न मिला किसी से वो प्यार जो, ये दिले करार सजा सके।न सजे अगर तो मिटा रहे, जो यहाॅं न प्यार निभा सके। न दिखे…

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रुसवा न करो दिल को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हर दिल में खुदाई है, रुसवा न करो दिल को।उल्फत न सजे फिर भी मिटने तो न दो दिल को। हर दिल की मुहब्बत पे…

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जानते हैं

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** एक दरिया-सा मुसलसल१ है रवाँ२ जानते हैं,हम ज़माने से ज़माने को यहाँ जानते हैं। राह-ए-हक़ पर हमें रखना हैं अकेले ही क़दम,साथ देगा न…

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कहाॅं से करार हो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: ११२१२ ११२१२ ११२१२ ११२१२... न सजा सका जो खुदी को दिल, तो कहाॅं से दिल में करार हो।जो खुदी से प्यार न कर सका,…

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न मिला करार-ए-दिल

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* ग़ज़ल विधान में-ए-की मात्रा नगण्य, ११२१२, ११२१२, ११२१२, ११२१२... न किसी से प्यार मिला मुझे, न दिया किसी ने करार-ए- दिल।न किसी ने दी वो…

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प्यार भर दो तुम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* आज तो मिलकर हमें, गुलजार कर दो यार तुम।हम भले अन्जान हैं पर प्यार भर दो यार तुम। देख ली तस्वीर जबसे, दिल ने बेबस…

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गुल खिला होता

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** विधाता छँद आधारित.... दरिया प्यार का बहता सुकूँ का गुल खिला होता,बवाली जात आदम, काश! अमन से तू भरा होता। मुरव्वत से अगर रहते कज़ा हँसती हुई…

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कहोगे क्या कयामत में ?

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गुजार हयात सारी उम्र' कहोगे क्या कयामत में,रखा क्यों नेकियों से हाथ खाली खाक चाहत में। बहुत अच्छा रहा बंदा, ज़ियादा हो गया फंदा,असल है बात वो…

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मुहब्बत सजे दिलों की

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* उदास लम्हे नहीं रहेंगे, अगर मुहब्बत सजे दिलों की।जहान में हर खुशी रहेगी, अगर न उल्फत मिटे दिलों की। किसी ने चाहा किसी ने रोका,…

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न इंकार मिलता

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:क़ाफ़िया-आर की बंदिश में-प्यार, इंकार आदि, रदीफ़-मिलता सिफ़ारिश हुई हो तभी प्यार मिलता।खुदाई करे तो न इंकार मिलता। सभी से बहुत ही मुहब्बत है हमको,मगर…

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