घाव तलवार से नहीं होता

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** वो कभी मार से नहीं होता। काम जो प्यार से नहीं होता। आज तकनीक़ का ज़माना है, वार तलवार से नहीं होता। घाव होता जो लफ़्ज़ से यारों, घाव तलवार से नहीं होता। घाव करते हैं फूल गहरा जो, घाव वो खार से नहीं होता। काम पूरा … Read more

जीवन की किताब ने पढ़ाया बहुत

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** लोगों के प्यार ने हमें सिखाया बहुत है। अपनों के वार ने हमें बढ़ाया बहुत है। हम उन किताबों से जितना सीख नहीं पाए, पर जीवन की किताब ने पढ़ाया बहुत है। दुश्मन की हर घात को दिल पर सहते रहे, प्रेम के शब्द से रिश्ता निभाया बहुत है। कभी चल … Read more

हमारा तुम्हारा जभी सामना हो

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** (रचनाशिल्प:१२२ १२२ १२२ १२२) हमारा तुम्हारा जभी सामना हो, बढ़े प्यार दिल में,निरंतर घना हो। सबेरे उठें हम,सुनें बात दिल की, रहे जग सुखी नित,यही प्रार्थना हो। जिधर आँख डालें,सुमन बस खिला हो, चमन हर दिशा में,महक से सना हो। हसीं चांदनी हो,निशा भी जवां हो, कटे प्यार में … Read more

अंधेरा क्यूँ है

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** किया है रौशनी फिर भी,अंधेरा क्यूँ है। घिरा है मन उदासियों से,परेशां क्यूँ है। किया है… जो गुज़र गया है,उसे भूलाने की आदत है, फिर भी सुबह का,सबेरा सोया क्यूँ है। किया है रौशनी… आँखों के आंसू,कभी सूखे ही नहीं, फिर इतना गहरा कोहरा क्यूँ है। किया है रौशनी… सब कुछ … Read more

ख़त मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** खत मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद। दिल हुआ रोशन,शमा बुझाने के बाद। महफ़िल चुप थी मेरी चुप्पी के साथ, हुआ हंगामा मेरे हलफ उठाने के बाद। जो अब तक देखा वो कुछ भी नहीं था, कयामत हुई उनके दुपट्टा गिराने के बाद। माँ को समझाया,मैं जरूर आऊँगा, पर … Read more

हल्का करो ज़रा मन को

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** जानते दीन को न दुनिया को, कह रहे हैं कि रहबरी दे दो। कह के हल्का करो ज़रा मन को, बेसबब दर्द क्यूँ रहे हो ढो। रब मआ़फ़ी ज़रूर देगा ही, मैल दिल का अगर लिया हो धो। काम कोई ग़लत नहीं होगा, ख़ौफ़ से रब के … Read more

नजर का वार

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** नजर का वार दिल पर कर गया है। नयन की मार से वह मर गया है। जिसे देखा नहीं हमने नजर भर, उसी से नैन मेरा लड़ गया है। दगा जिसने दिया है प्यार को ही, समझ लो प्यार से जी भर गया है। भयानक आंधियों को देखते ही, … Read more

उसके नाम से

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* जब-जब गले मिलेंगे यूँ पंडित इमाम से, गोहर मिलेंगे देश को अब्दुल कलाम से। ऐसी हवा चली है सियासत की आजकल, कोई ख़फ़ा अज़ां से कोई राम-राम से। मेहनत से हुई शीश महल जब ये झोपड़ी, पत्थर उछालता है कोई इंतक़ाम से। कल रात जाग-जाग सुलाई थी … Read more

जिंदगी

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२×४-फाउलुन×४) ज़िन्दगी आजमाती है इंसान को। वो परखती है इंसाँ के ईमान को। ज़िन्दगी हादसा खूबसूरत कहें, ज़िल्लतें बस दिखें यार नादान को। आम औ ख़ास दुनिया में सब लुट रहे, लूटने कुछ चले आज भगवान को। आसमाँ से बड़े भी मुख़ातिब हुए, जो ख़ुदा कह रहे आज धनवान … Read more

दिन आ गये…..

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूले-बिसरे गीत गाने के दिन आ गयेl समस्त शक्ति दिखाने के दिन आ गयेl माँ बहुत चाहती थी अपनी ब्याही बेटी, अब माँ-बेटी मिलाने के दिन आ गयेl शत्रु बाहरी नहीं सब भीतर हैं घर मेरे, उन्हें सबक सिखाने के दिन आ गयेl शांति भंग करे जो … Read more