पीड़ा

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** जो कहा उस ओर क्यों बढ़ा ही नहीं। जो लिखा पत्र तुम्हें वो पढ़ा ही नहीं॥ मेरा जीवन एक निष्पक्ष कड़ा संघर्ष,…

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भीगे तन-मन

दौलतराम प्रजापति ‘दौलत’ विदिशा( मध्यप्रदेश) ******************************************** हँसी-ठिठोली प्यारी बोली। आओ मिलकर खेलें होली। प्यार मोहब्बत सदभावों से, रंगों जैसी बने रंगोली। पिचकारी की पड़ें फुहारें, भीगे तन-मन दामन चोली। फ़ाग गली…

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दिल हमारा खो गया

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन)  हुस्न उनका चाँद से ज्यादा नशेमन हो गया। दिल हमारा याद में उनके उन्हीं पे खो गया। जब नज़र उन पे गई तोआशिकाना…

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क्या तुझे भी दीवाना याद आता है…

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** कोई क़यामत न कोई करीना याद आता है। जब दुपट्टे से तेरा मुँह छिपाना याद आता है। एक लिहाफ में सिमटी न जाने कितनी रातें,…

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मैं बंजर में गुल

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** मैं बंजर में गुल को खिलाने लगा हूँl जमीं आसमां को हिलाने लगा हूँl मैं पीता नहीं था कभी शौक से भी, कि सोहबत…

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अंधेरे से नहीं डरती

सुनीता उपाध्याय`असीम` सिकन्दरा(उत्तरप्रदेश) ************************************************************* किसी का दु:ख नहीं मैं दूर कर सकती जहाँ में, गरीबों को गले से मैं लगा लेती हूँ लेकिन। कभी भी मोह-माया पर भटकता ध्यान है…

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ताक़त है आज़मानी आज फिर

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** साथ मिलकर ईद होली है मनानी आज फिर। प्यार की गंगा हमें यारों बहानी आज फिर। खोल दी है याद की इक…

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सत्य मार्ग बहुत कठिन

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मेरा जीवन बिखरे मोती, घुप अंधेरा नहीं ज्योति। सत्य मार्ग बहुत कठिन, आसान राह झूठी होती। मुर्दे कफन फाड़ के बोलें, जिंदगी…

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दिल मिलाना चाहिए

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन) सिलसिला यारी निभाने का चलाना चाहिए। टूटने वाले दिलों को भी मिलाना चाहिए। क्यों हुए तन्हा जमाने में कई हैं शख़्स जो, उन…

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तेरा इंतज़ार

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’ चंदौली(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************************** मैं तुझे प्यार बेशुमार करता हूँ तुम खफा ना हो जाओ इसलिए मैं डरता हूँ। तुझे देखने को तरसे मेरी आँखें, मैं सुबह-शाम…

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