सुना है वहाँ राम लला आए हैं
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मची है धूम कैसी अवध नगरी में।सुना है वहाँ राम लला आये हैं,बिछे हैं फूल घर-घर सदर देहरी में। अवध नगरी है देश भारत में,युगों से जहाँ राम…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मची है धूम कैसी अवध नगरी में।सुना है वहाँ राम लला आये हैं,बिछे हैं फूल घर-घर सदर देहरी में। अवध नगरी है देश भारत में,युगों से जहाँ राम…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन का तो अंत सुनिश्चित, मुक्तिधाम यह कहता है।जीवन तो बस चार दिनों का, नाम ही बाक़ी रहता है॥ रीति, नीति से जीने में ही, देखो…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आँखों के आगे से गुजरा,जब मेरा प्रिय गाँवहाय मैं कितना रोई। ऊँची-ऊँची पहाड़ियों की,लम्बी बड़ी कतारेंबेटी की अगवानी को थीं,सारे साज सँवारें।छलक पड़ीं प्रेमातुर नभ से,रिमझिम-रिम बौछारेंस्वागत करने…
अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* साथ तुम्हारा बना रहे सुन, ओ मेरे हमराज।दिन को रात कहो तो वो ही, मैं कह दूँ सरताज॥ तुम ही मेरी चाहत हमदम, बनना मत अनजान,दूर…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरे मानस के गीतों को,तुम न सुनो, यह गगन सुनेगा।कब अतीत को चाहा मैंने,नव निमेष ही मुझको भाया जिसने मेरे हृदय पटल परअभिनव जग का चित्र बनाया।नूतन जग…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** नफरत की विचारधारा से,दुनिया को उबारना होगा।दिल, दिमाग, मन, बुद्धि, चित्त को,दलदल से निकालना होगा॥ जब तक तुष्टिकरण जारी है,तब तक प्रतिभा कुंठित होगीन्यायालय में हमले होंगे,न्याय…
अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति.... मानवता को धार हृदय में, सबकी सेवा कर जाना।थोड़ा जीवन कर्तव्यों के, गीत हमेशा तुम गाना॥ दीन-दुखी की सेवा करके, नित्य…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नव वर्ष... नया काल है, नया साल है, गीत नया हम गाएँगे।करना है कुछ नवल-प्रबल अब, मंज़िल को हम पाएँगे॥ बीत गया जो, उसे भुलाकर,हम गतिमान…
अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* झूठे सारे रिश्ते-नाते, सब माया रघुराई।चरण-शरण में मुझको ले लो,द्वार आपके आई॥ दशरथ नंदन राम दर्श इस, दासी को दे जाओ,करो कृपा हे रघुकुल भूषण, रूप…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति... मानवता सर्वोच्च शिखर है, मानव तुम आभास करो।तुम श्रृंगार स्वयं हो अपना, अपने पर विश्वास करो॥ यह है पावन धर्म तुम्हारा,जियो, सभी को जीने…