चलो गाँव की ओर

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर।चीं चीं करके गीत सुनाती,चिड़ियों का हो शोर। कलकल बहती नदियाँ सुंदर,सुन लो सुंदर राग,हरी वादियाँ हृदय लुभाती,सुंदर होली…

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जड़ से इसे मिटा दें हम

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** राजनीति से ऊपर उठकर,जड़ से इसे मिटा दें हम।'कोरोना' के पैर तोड़ कर,के घुटनों पर ला दें हम। गली-गली में शहर-शहर में,कोरोना की दस्तक…

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कठिन डगर

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:ताटंक छंद १६/१४) कठिन डगर है इस जीवन की,दु:ख में सुख को पाना है।पार तभी होगा भवसागर,हरदम हँसते जाना है॥ कभी अँधेरा कभी उजाला,धूप…

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वसुंधरा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वंसुधरा पर सुंदर जीवन,हो अपना आधार।भूले से भी कभी न बिगड़े,धरती का श्रृंगारll छिपा हुआ भूगर्भ सहत पर,भूजल का भंडार।शुद्ध रुप में बहे निरंतर,इससे ही संसार।व्यर्थ…

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किसानों की पीड़ा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** इस धरती पर देव है,अपने सभी किसान। उपजाते हैं अन्न को,सबके ये भगवान॥ आज दुर्दशा देख लें,नित्य बहाते नीर, आय नहीं है क्या करें,कितना सहते पीर,…

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नहा रही है चिड़िया

रश्मि लता मिश्राबिलासपुर (छत्तीसगढ़)****************************************************************** धूल धूसरित देखो तो,नहा रही है चिड़िया।आँगन-आँगन फुदक,ची,ची मचा रही है चिड़िया।च.चकभी आकर मुंडेर बैठी,दाना चुगने की खातिरकभी दाने घोंसले पहुँचातीनन्हें बच्चे हैं आतुर।कभी फलों को…

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अनुशासन का पालन कर लें

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** अनुशासन के पालन से ही,नवपरिवर्तन आएगा।डरो नहीं अब कोरोना से,रोग दूर हो जाएगा। मिथ्या बातें छोड़ सभी को,मानवता को लाना है,सर्तकता का ध्यान धरें ये,नित्य हमें…

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वीर शिवाजी राजे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** भारत माँ के वीर सिपाही,तुम्हें नमन् है मेरा।हे महाराजा वीर शिवाजी,अभिनंदन है तेरा॥ प्राणों को हाथों में लेकर,तुमने शौर्य रचाया,मुग़ल हुक़ूमत थर्राई थी,ऐसा कर्म रचाया।तुम…

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बोझ ज़िन्दगी का लेकर के

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** धूल-धूसरित दुर्गम पथ ये जिस पर चलना नहीं गंवारा, बोझ ज़िन्दगी का लेकर के,चलते-चलते मैं तो हारा। पतझड़-सा मौसम छाया है, नीरसता का वातावरण है।…

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सम्मान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माँ तेरे चरणों में पाया, अक्षय धन सम्मान है। तुझसे ही ये बेटा तेरा, तुझसे आज जहान हैll धरती की खातिर ही मैंने,…

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