माँगता हूँ साथ तेरा ओ प्रिये

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** माँगता हूँ मैं शिवा से,साथ तेरा ओ प्रिये, जिंदगी की साँस मेरी,मीत है तेरे लिये। थाम के तू हाथ मेरा,जिंदगी की चल डगर, मैं मुसाफिर…

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मुस्कान

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** अधरों पर दिख जाती है बस,वो मुस्कान नहीं होती है, खिले अधर ही खुशियों की,सच पहचान नहीं होती है। भूखे बच्चों के हाथों में,गर एक…

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अडिग हिमालय

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अडिग हिमालय लिये शिवालय, करता सबका आवाहन। त्याग करो प्रमाद द्वेष का, करो प्रकृति आराधन। नंदा देवी पंचाचूली, जीवन को हर्षित करती। नैना देवी आशीष…

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नियति से हारा नहीं हूँ…

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जलधि-सा उन्मुक्त मैं ! पर- चित्त से खारा नहीं हूँl चातकों-सी साधना है- नियति से हारा नहीं हूँll पीर! पर्वत बन भले ही- व्योम से कर…

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ग़म का विष कोई पीना नहीं चाहता

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** प्रीत की सुधा सबको चाहिए मगर, ग़म का विष कोई पीना नहीं चाहता। इश्क में डूबने की बात करते बहुत, कोई तूफां से लड़ना नहीं…

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देश की खातिर…

शरद जोशी 'शलभ' धार (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** देश की खा़तिर जिएँ हम,देश की ख़ातिर मरें, देश का गौरव बढे़ सब,काम हम ऐसे करें। आपसी मतभेद सारे,जो भी हैं हम भूल जाएँ,…

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श्रृंगार गीत का होता है

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कंचन जैसे शब्दों का जब,सुख संयोजन होता है, मंगल भाव भरे हों जिसमें पुण्य प्रयोजन होता है। अंतस का नेह अगर हमको,नयनों में दिख जाए…

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उड़े रंग-गुलाल

बृजेश पाण्डेय ‘विभात’ रीवा(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** उड़े हो रंग अबीर गुलाल। युवा शिशु करते वृद्ध धमालll होलिका है पावन त्यौहार। लाल भाभी के गोरे गाल। बरस रंगों की रही फुहार। भीगती…

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चूम के वो मंजिलों को…

भानु शर्मा 'रंज' धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** चूम के वो मंजिलों को,पाँव वसुधा पर नहीं, आदमी बदला कि जैसे,वक्त का भी डर नहीं। जी रहा वो जिंदगी यों,खो असल निज नाम को,…

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प्रेम प्रतीक

डॉ.नीलम वार्ष्णेय ‘नीलमणि’ हाथरस(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************** आया होली का त्यौहार खुशियों के लिये, ऐसी करें रब से प्रार्थना सभी के लिये। कभी दु:ख नहीं हो पलभर के लिये, एक-दूजे से गले…

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