नियमों में फँसी वाहनों की हिंदी अंक पट्टी

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** हिंदी को राष्ट्रभाषा स्थापित होने के लिए सौ वर्ष हो गए और वह राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई या सकी,तथा शायद भविष्य भी कोई उज्जवल नहीं दिखाई दे रहा हैl किसी भी भाषा,धरम,संस्कृति के विकास के लिए राज्य आश्रय का होना आवश्यक है,पर हमारे देश में भाषा के कारण बंटवारा हो जाता … Read more

दबाव एवं हिंसा की त्रासदी का शिकार बचपन

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* आज का बचपन केवल अपने घर में ही नहीं,बल्कि स्कूली परिवेश में बुलीइंग यानी दबाव एवं हिंसा का शिकार है। यह सच है कि इसकी टूटन का परिणाम सिर्फ आज ही नहीं होता,बल्कि युवावस्था तक पहुंचते-पहुंचते यह एक महाबीमारी एवं त्रासदी का रूप ले लेता है। यह केवल भारत की नहीं,बल्कि … Read more

न्यायपालिका की अग्नि-परीक्षा

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** हमारे सर्वोच्च न्यायालय की इज्जत दांव पर लग गई है। पहले तो प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन-उत्पीड़न का आरोप लगा और अब एक वकील ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि जस्टिस गोगोई को फंसाने के लिए कुछ ताकतवर लोगों ने यह षड़यंत्र रचा है। उस वकील ने … Read more

राष्ट्रीय चेतना कॆ लिए निजी स्वार्थ का बलिदान जरुरी

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** राष्ट्रीय चेतना का अभिप्राय(समाज की उन्नति) राष्ट्र की चेतना-प्राण शक्ति समाज से है। राष्ट्र शब्द समाज के अर्थ में ही प्रयुक्त होता है। जिस क्षण समुदाय में एकता की एक सहज लहर हो,उसे राष्ट्र कहते हैं। समाज और साहित्य का भी विरोध संबंध है। साहित्य सामुदायिक विकास में सहायक होता है, … Read more

प्रधान सेवक का अहं विकास में बाधक

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** एक जमाना था जब कुआँ और तालाब चोरी हो जाते थे,तथा बाँध भी ग़ुम जाते थे और उनकी जाँच होने पर सही होती थी पर वर्तमान में हमारे प्रधान सेवक ने कहा कि गढ्ढे भरने का काम किया है तो इसका अर्थ दो प्रकार का है-जैसे प्रधान सेवक ने इतना काम … Read more

श्रीलंका के आतंकी विस्फोटों से जुड़े सवाल

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* श्रीलंका अपनी शांति और मनोरमता के लिये नई इबारत लिख ही रहा था कि वहां हुए सिलसिलेवार शक्तिशाली बम विस्फोटों एवं धमाकों केे खौफनाक तथा त्रासद दृश्यों नेे सम्पूर्ण मानवता को लहूलुहान कर दिया, आहत कर दिया और दहला दिया। कैसी उन्मादी आंधी पसरी कि २०० से अधिक लोगों का जीवन … Read more

ईरान पर अमेरिका की दादागिरी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** परमाणु-समझौते को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प का अमेरिका,ईरान से इतना नाराज है कि उसने अब ईरानी तेल खरीदने पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी है। २ मई के बाद जो भी राष्ट्र ईरान से तेल खरीदेगा,अमेरिका उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। दूसरे शब्दों में ईरान का हुक्का-पानी बंद करने पर अमेरिका तुल … Read more

वास्तविक मुद्दों को गुमराह कर `आरोप-प्रत्यारोप` की राजनीति

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहाँ सभी वर्गों,जातियों एवं सम्प्रदायों से जुड़े लोगों को अपनी बात कहने और अपना पक्ष रखने की स्पष्ट रूप से स्वतंत्रता है,लेकिन अगर हम भारत देश की वर्तमान राजनीति की बात करते हैं तो दिलो-दिमाग में बहुत ही नकरात्मक छवि सामने आती … Read more

राजनीति का धर्म या धर्म की राजनीति

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** धर्म का कार्य है लोगों को सदाचारी और प्रेममय बनाना और राजनीति का उद्देश्य है लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके हित में काम करनाl जब धर्म और राजनीति साथ-साथ नहीं चलते,तब हमें भ्रष्ट राजनीतिज्ञ और कपटी धार्मिक नेता मिलते हैंl एक धार्मिक व्यक्ति,जो सदाचारी और स्नेही है,अवश्य … Read more

श्रीलंका में अपूर्व आतंक

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** श्रीलंका के सिंहल और तमिल लोगों के बीच हुए घमासान युद्ध ने पहले सारी दुनिया का ध्यान खींचा था लेकिन इस बार उसके ईसाइयों और मुसलमानों के बीच बही खून की नदियों ने सारी दुनिया को थर्रा दिया है। ईस्टर के पवित्र दिन श्रीलंका के गिरजाघरों और होटलों में हुए … Read more