गम छँट जाएँगे
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ सुनों साथियों रखो हौंसला,बादल गम छँट जाएँगे।इक दिन तेरे ही आँगन में,सुख सूरज चमकाएँगे॥ धीरज मन में धारण करके,कार्य हमें सब करना है।मौत कभी क्या कर पायेगी,हमें नहीं अब डरना है॥संकट कुछ दिन के साथी हैं,आये हैं वे जाएँगे।सुनों साथियों रखो हौंसला… विकट समस्या आन पड़ी है,सबको इसको सहना है।चिंताओं … Read more