चमक

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…

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नीर की महिमा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…

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भ्रूण नाश न करें

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** मुझको पापा देखना, सारा ये संसार।नारी का हूँ अंश मैं, नहीं मुझे अब मार॥नहीं मुझे अब-मार कोख में, बैठी माँ के।हृदय भाव से, मुझे तार दे, तू…

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ईर्ष्या कभी न धारें

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** ईष्या का निज भाव, कभी न मन में धारें।विमुख करे पथ नित्य, काज होवे न विचारें॥यह करता अलगाव, अहं मन भीतर आता।निर्मल मन व्यवहार, देह से हटता…

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रिमझिम बदरा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* रिमझिम बदरा बरस रहे हैं, सावन आया अब आओ।आकुल है मन तुमसे मिलने, मधुर सलिल रस बरसाओ॥ छमछम करती बूँदें बरसे, नृत्य धरा पर दिखलाएं।गर्जन करते मेघ…

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स्वस्थ देहयुक्त योग

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** हे मानव नित भोर भये सब, कर लें योग।कभी देह को नहीं धरेगा, कोई रोग॥ भिन्न-भिन्न योगा के गुण को, जानें आप।मानव नित पदचार करें तन, सहता…

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पिता सिखाते

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** जीना जैसे पिता... पापा मेरे सबसे प्यारे।लगते मुझको सबसे न्यारे॥रोज सवेरे मुझे उठाते।संग चलें अरु दौड़ लगाते॥ रोज ज्ञान की बात बताते।कैसे जीवन चले सिखाते॥घर से मिलती…

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धरती का श्रृंगार करें हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ स्वच्छ जमीन स्वच्छ आसमान.... आओ हम सब मिलकर साथी, पर्यावरण बचाएँगे।मुक्त प्रदूषण स्वच्छ धरा को, सुन्दर स्वर्ग बनाएँगे॥ धरती का श्रृंगार करें हम, दुल्हन की…

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कवि

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जल अनल बनाये जो,आग पिये जातेजग हलचल लाये वो…। धुएँ में तैराते,कहते कवि जिनकोभावों से नहलाते…। पल महल बना अम्बर,मेघ से ले छतरीये सपनों के पथकर…। कवि…

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दिव्यांग जन

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नेक व्यवहार-तन से होय भले ही, जो दिव्यांग।नहीं जानते लेकिन, करना स्वांग॥ पावन रहे भावना, सुंदर नेक।कोई दिव्यांग रहे, पर हम एक॥ हृदय भाव में रखते, सुंदर…

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