अनुशासन विजयी जगत
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय **************************************** अनुशासन की नित कमी,लोभ घृणा उत्थान।प्रतीकार में जल रहा,शैतानी हैवान॥ अनुशासन बिन छात्र अब,निर्भय बन परिवार।मानक बस उत्तीर्णता,मनोयोग लाचार॥ आजा़दी मतलब नहीं,अनुशासन अवमान।मोटर गाड़ी अधिनियम,जीवन रक्षक मान॥ युवा जोश नित होश खो,मदोन्मत्त मधुपान।नित न्यौता दे मौत को,चला यान गतिमान॥ अनुशासन की है कमी,विरत नार्य संकोच।यौवन के मधुशाल में,बदली बेटी सोच॥ … Read more