प्रकृति रचे श्रृंगार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *************************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. भिन्न-भिन्न मौसम यहाँ,नाना ऋतु प्रदेश।सर्द गर्म बरसात है,नाना भाषा वेशll तिल के लड्डू रेवड़ी,चूरा बाटी दाल।खाकर ख़ुशी मनाइए,करिये सभी धमालll ऋतुओं के अनुरूप ही,प्रकृति रचे श्रृंगार।गर्मी में लगने लगे,धरती भी अंगारll पीली सरसों से लगे,आया है ऋतुराज।कोयल मीठे बोल से,करती है आगाजll ऋतु परिवर्तन दौर है,मिलता है … Read more

मिलता है फल खास

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. पौष मास में सूर्य जब,करता मकर प्रवेश।तभी मने संक्रांति हैं,पूजन करें दिनेश॥ प्रातः उठकर स्नान कर,रक्त पुष्प ले हाथ।लोटा पानी अर्घ्य दे,चन्दन अक्षत साथ॥ स्नान दान अरु पुण्य से,होता है कल्याण।प्रमुख पर्व होता यही,शुद्ध होत है प्राण॥ भगवत गीता पाठ कर,कम्बल तिल घी दान।करते जो भी … Read more

शुभ मकर संक्रांति

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. सूर्य उत्तरायन हो तभी,मकर संक्रांति आय।मकर गुजरता रेखण से,सबके मन को भायll तमिलनाडु केरल जहाँ,कहते पोंगल पर्व।हरियाणा पंजाब में,कहे लोहड़ी सर्वll भोर भये सब स्नान कर,करते पूजा-पाठ।तिल का उबटन सब मलें,सबके अपने ठाठll गुड़ के लड्डू है बने,मीठे सब पकवान।सुहागिनें पूजा करें,माँगे शुभ वरदानll चावल खिचड़ी बाँटते,परम्परा … Read more

हिन्दी हिन्द सारे जहां

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* सुन्दर सुखद प्रभात हो,राम राम सुखधाम।हिन्दी हिन्द सारे जहां,हो भारत अभिराम॥ हरित भरित साहित्य से,काव्यशास्त्र उद्रेक।नीति-प्रीति संगीत नित,हिन्दी हो अभिषेक॥ सुमधुरा संस्कृतसुता,वैज्ञानिक बहुभाष।बीते चौहत्तर बरस,राष्ट्र भाष अभिलाष॥ भावों का अन्तर्मिलन,नवरसगुण अनुभाव।अलंकार ध्वनि रीति गुण,जीवनार्थ उद्भाव॥ रीति-नीति सम प्रीतिमय,दर्पण जीवन गेय।प्रतीयमान साहित्य नव,कृति जीवन नित ध्येय॥ मात्रिक में अभिव्यञ्जना,मुक्तक से … Read more

तेरा मोहक रूप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************** रूप दमकता नित्य ही,फैलाता आलोक।प्रिये आज तू चाँद है,देखे सारा लोक॥ गालों पर आभा खिली,लुभा रहा है नूर।दाता ने तुझको दिया,सच यौवन भरपूर॥ चंचल चितवन से चलें,जाने कितने तीर।दिल थामे सब घूमते,कौन बताए पीर॥ बतला दे ऐ रूपसी,तू किसका वरदान।तेरा मोहक रूप ये,है किसका अरमान॥ रूप दमकता नित्य ही,फैलाता आलोक।प्रिये … Read more

तुम्हारे नाम लिख दूँ मैं

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से…. कहो तो जिन्दगी अपनी,तुम्हारे नाम लिख दूँ मैं।जमाने की सभी खुशियाँ,तुम्हारे नाम लिख दूँ मैं। चले आओ हमारे पास में,सब छोड़ कर अपना,तुम्हारी चाहतों में जिन्दगी,बदनाम लिख दूँ मैं। मिटा सकता नहीं कोई,हमारे यार की यारी,सनम तेरे लिए ही आज,चर्चा आम लिख दूँ मैं। … Read more

नववर्ष में कोरोना से मुक्ति

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ आया है नववर्ष यह,लेकर खुशी हजार।कोरोना आतंक से,हो जाएंगे पार॥ बन आई वैक्सीन अब,सफल परीक्षण आज।टीके लगवा कर सुखी,होंगे अब सब काज॥ नए वर्ष की ये खुशी,है गौरव की बात।स्वाभिमान यह देश का,फल श्रम का दिन-रात॥ स्वागत इस नववर्ष का,सुख का दे संदेश।त्रस्त सभी जन-मन रहे,होगा स्वस्थ स्वदेश॥ कोरोना की मार … Read more

जै श्री कृष्ण

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)*********************************************** कृष्ण धूप,कृष्ण छाँव,कृष्ण फूल,पात हैं।कृष्ण श्वाँस,कृष्ण नैन,कृष्ण मनुज गात हैं॥ कृष्ण भोर,कृष्ण शाम,कृष्ण भानु,इंदु हैं।कृष्ण व्योम,कृष्ण धरा,कृष्ण जगत बिंदु हैं॥ कृष्ण सखा,कृष्ण भ्रात,कृष्ण मातु,तात हैं।कृष्ण नीर,कृष्ण क्षीर,कृष्ण मधुर वात हैं॥ कृष्ण सरी,कृष्ण सिंधु,कृष्ण सरी तीर हैं।कृष्ण हास,कृष्ण रास,कृष्ण नैन नीर हैं॥ कृष्ण गीत,कृष्ण रीत,कृष्ण नाद,घोष हैं।कृष्ण भूख,कृष्ण तीस,कृष्ण पूर्ण तोष हैं॥ परिचय-डॉ.विद्यासागर … Read more

संभव

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सारे संभव कार्य को,कर लेना अति खोज।समय साथ फल शुभ मिले,ध्येय मिले नित रोजll संभावित परिणाम से,हुआ दुखी मन आज।नयन अश्रु से भर गया,बाधित है सब काजll संभव कोशिश नित करें,मन मत टूटे आस।भव्य सफलता जब मिले,फैले कीर्ति उजासll दृढ़ निश्चय मति साधकर,सेवक बनो सुजान।नित संभव आशिष मिले,करो वृद्ध सम्मानll संभवता से जा … Read more

सुबह की सैर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** करो सुबह की सैर नित,दूर रहेंगे रोग।जीवन हो खुशहाल तब,दीर्घ आयु का योग॥ सुबह मिले ताज़ी हवा,जो सचमुच वरदान।हर्ष मिले,आनंद भी,साँसें पायें मान॥ रक्तचाप का संतुलन,सुगर नियंत्रित होय।काया फुर्तीली रहे,जीवन सुख को बोय॥ सैर सुबह की कह रही,निद्रा त्यागो नित्य।पैदल चलना है भला,साथ देय आदित्य॥ अंतर के आनंद से,जीवन गाये … Read more