जीवनानंद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************ सत्य,प्रेम,अपनत्व से,जीवन में आनंद।द्वेष,कपट अरु झूठ को,करता कौन पसंद॥ जिसका मन है सात्विक,वह रहता खुशहाल।काम,क्रोध औ’मोह तो,बुरा करें नित हाल॥ जीवन का आनंद तब,पा सकता इनसान।जब वह नित हर एक का,करता है सम्मान॥ अंतर्मन में शुद्धता,तो बिखरे आनंद।पाक़ साफ इनसान को,करते सभी पसंद॥ करुणा का ले भाव जो,करते हैं आचार।उनको … Read more

प्रतीक्षा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************** करूँ प्रतीक्षा आपकी,बन जाए कुछ बात।सपनों में जगता रहा,दिन अरु सारी रात॥ मीठी-मीठी याद में, बीते सुबहो शाम।प्रिये प्रतीक्षा मैं करूँ,जपता हूँ मैं नाम॥ आँखें मेरी थक गयी,देखूँ राह निहार।आज प्रतीक्षारत रहा,पाने को मैं प्यार॥ दुनिया की हर चीज भी,फीकी पड़ती जाय।तेरे बिन भाता नहीं,कोई समझ न आय॥ कब से … Read more

नयी भोर नव आश मन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************* नई भोर नव आश मन,नव अरुणिम आकाश।मिटे मनुज मन द्वेष तम,मधुरिम प्रीति प्रकाश॥ मार काट व्यभिचार चहुँ,जाति धर्म का खेल।फँसी सियासी दाँव में,हुई मीडिया फ़ेल॥ अनुशासन की नित कमी,लोभ घृणा उत्थान।प्रतीकार में जल रहा,शैतानी हैवान॥ मिटी आज सम्वेदना,दया धर्म आचार।कहाँ त्याग परमार्थ जग,पाएँ करुणाधार॥ सत्ता के मद मोह में,अनाचार … Read more

करुणा जीवन सार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** दया,नेह,संवेदना,करुणा जीवन-सार।उर महके अपनत्व से,तो फैले उजियारll बुद्ध बने तब बुद्ध जब,जागा करुणा-भाव।मानव तब मानव बने,कोमल रहे स्वभावll सत्य,अहिंसा,वेदना,से नित नव-संसार।करुणा से श्रंगार हो,तो मंगल आसारll गांधी,ईसा के हृदय,करुणा का संसार।महावीर करते रहे,करुणा से नित प्यारll टेरेसा तब माँ बनीं,जब करुणा-आवेग।मानवता को दे गईं,वे तो नेहिल नेगll अश्रु नयन से … Read more

सोच सदा जग स्वस्ति की

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************ जय सुधीर गंभीर नर,उद्यमशील विनीत।सफल कीर्ति अनमोल धन,निशिचन्द्र मधुप्रीत॥ अर्थ बने सम्बन्ध के,अपनापन विश्वास।साथ खड़े सुख त्रासदी,हो रिश्ते आभास॥ बँटे सहोदर स्वार्थ में,भूले सब दायित्व।लखि हर्षित दुखार्त में,खोए गुण अस्तित्व॥ साथ खड़े जो मीत हो,त्यागमूर्ति परमार्थ।सौ जीवन उस प्रीत दूँ,सखा कृष्ण सम पार्थ॥ सोच सदा जग स्वस्ति की,साधुचित्त समुदार।सचमुच … Read more

अपना प्यारा गाँव

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** भुला न पाएंगे कभी,वट की शीतल छाँव।हर लेता ‘शिव’ पीर सब,अपना प्यारा गाँव॥ ‘शिव’ बैलों की घंटियाँ,सघन पेड़ की छाँव।याद बहुत आता मुझे,बचपन वाला गाँव॥ हुए प्रदूषित अब शहर,नित्य चलें ‘शिव’ दाँव।मन को आनन्दित करे,अपना प्यारा गाँव॥ पक्षी नित कलरव करें,नहीं सियासी दाँव।पहले जैसा आज भी,लगता अपना गाँव॥ कोयल अब गाती … Read more

अलग-अलग दो दीप

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** गांधी जयंती विशेष….. दो अक्तूबर को जले,अलग-अलग दो दीप।कृषक मसीहा एक ‘शिव’,दूजा सत्य प्रदीप॥ लाल बहादुर लाल सा,नहीं जगत में लाल।समरसता अरु सादगी,उनकी बनी मिसाल॥ ‘गाँधी’ ‘शास्त्री’ ने किया,सभी दिलों पर राज।जन्म जयंती पर उन्हें,करता नमन समाज॥ सत्य अहिंसा न्याय का,फैलाया सन्देश।बापू के आदर्श से,नतमस्तक है देश॥ देशभक्ति अरु सादगी,की ‘शिव’ … Read more

गाँधी थे आलोक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************************** गांधी जयंती विशेष……………. शील त्याग गुण कर्म का,मानक था जो लोक।सत्य अहिंसा सारथी,गाँधी थे आलोक॥ सहज सरल नित सादगी,मृदुभाषी सद्नीति।शान्ति दूत अतुलित प्रखर,संकल्पित सद्प्रीति॥ निर्मल मन निर्भय सबल,निर्विकार व्यक्तित्व।क्रान्तवीर रणबाँकुरा,बापू का अस्तित्व॥ धीर-वीर अति साहसी,यायावर संघर्ष।दीन-हीन पीड़ित दलित,चाहत था उत्कर्ष॥ जिद्दी था सिद्धान्त का,शोक नहीं उपहास।राम राज्य मन कामना,मानवता … Read more

बिन बेटी सब सून

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** जीवन में आनंद का,बेटी मंतर मूल।इसे गर्भ में मारकर,कर ना देना भूल॥ बेटी कम मत आंकिये,गहरे इसके अर्थ।कहीं लगे बेटी बिना,तुझे सृष्टि व्यर्थ॥ बेटी होती प्रेम की,सागर सदा अथाह।मूरत होती मात की,इसको मिले पनाह॥ छोटी-मोटी बात को,कभी न देती तूल।हर रिश्ते को मानती,बेटी करें न भूल॥ बेटी माँ का रूप है,मन ज्यों … Read more

बापू से सीखो सभी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ******************************************************* महात्मा गांधी जयन्ती विशेष….. बापू से सीखो सभी,सत्य-अहिंसा सार।जीवनभर करते रहे,सबसे सद्व्यवहारll सादा जीवन रहा सदा,सुख-सुविधा से दूर।रखते उच्च विचार थे,किया न कभी गुरूरll गांधी एक विचार है,सबकी करे सहाय।प्रासंगिक है आज भी,सबके मन को भायll आजादी थी खून में,थी दृढ़ इच्छा शक्ति।रग-रग में जिनके भरी,मातृभूमि की भक्तिll जन्मा पावन भूमि … Read more