दर्पण

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** झूठ नहीं है बोलता,दर्पण सच्चा मित्र।सभी दिखा देता यही,भूत समय का चित्रll कोई बच पाता नहीं,दिखलाता तस्वीर।भस्म छिपा ज्यों आग हो,मानव जो गंभीरll सोच-समझ सब…

Comments Off on दर्पण

‘नीर’ से साँसें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** 'नीर' लिए आशा सदा,नीर लिए विश्वास।नीर से साँसें चल रही,देवों का आभास॥ अमृत जैसा है 'शरद',कहते जिसको नीर।एक बूंद भी कम मिले,तो बढ़ जाती पीर॥…

Comments Off on ‘नीर’ से साँसें

स्वागत सावन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************* स्वागत सावन मास का,अभिनन्दन शिवधाम।ग्रीष्मातप आहत धरा,बरसे नभ घनश्याम॥ पावस ऋतु स्वागत करे,बढ़कर सावन मास।शिव सुन्दर भावन जगत,सावन मन आभास॥ चमक रही घन बिजुरियाँ,दादुर…

Comments Off on स्वागत सावन

कृष्णा प्रेम की बाँसुरी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** माखन मुख लिपटा हुआ,मैया पकड़े कान।बाल रूप है कृष्ण का,करे सभी सम्मानll बैठे कदम्ब पेड़ पर,करे राधिका तंग।सुना रहे मुरली मधुर,बैठ गोपियों संगll कृष्ण…

Comments Off on कृष्णा प्रेम की बाँसुरी

हरी-भरी सुष्मित प्रकृति

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************************************** हरी-भरी सुष्मित प्रकृति,है जीवन आधार।करें सुरक्षित हम उसे,खिले खुशी संसारll हरीतिमा छाये धरा,स्वच्छ मिले नित वायु।रोगरहित प्राणी जगत,बढ़े जिंदगी आयुll वन पादप कर्तन धरा,बंद…

Comments Off on हरी-भरी सुष्मित प्रकृति

दिखलाते हैं रास्ता

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** गुरु बिन ज्ञान नह़ीं मिले,बतलाते हैं सार।डगमग होती नाव को,गुरु ले जाएँ पार॥ दिखलाते हैं रास्ता,देते शुद्ध विचार।गुरु के चलते हम सदा,पाते हैं आधार॥ नाम राम का…

Comments Off on दिखलाते हैं रास्ता

मीरा और रुक्मिणी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)****************************************************************** इक मीरा इक रुक्मिणी,एक कृष्ण सरकार।ये याचक सी द्वार पर,उसका है अधिकार॥ विधि सम्मत है रुक्मिणी,मधुसूदन कल्यानी।राजपाट तज आ गई,ये महलों की रानी॥ मधुसूदन के सामने,संकट है…

Comments Off on मीरा और रुक्मिणी

गुरु:मिले उसे सम्मान

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’टीकमगढ़(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* आज दिवस गुरु पूर्णिमा,मना रहे हम-आप।इष्ट मंत्र का नित्य ही,करिये मन से जाप॥ गुरु की जो सेवा करे,मिले उसे सम्मान।गुरु की ही आशीष से,बनता शिष्य महान॥…

Comments Off on गुरु:मिले उसे सम्मान

हे कृपानिधान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** भव बाधा सब दूर हो,जीवन आठों याम।सद्गुरु दीन दयाल हे,शत्-शत् करूँ प्रणाम॥ भक्ति ज्ञान दो नाथ जी,पूजन सुबहो शाम।करूँ अराधन आपकी,हे मेरे श्री राम॥ भवबंधन…

Comments Off on हे कृपानिधान

अरुणिम मुख मुस्कान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** खुशियों की पहचान वह,अधरों पर मुस्कान।जीवन जीने की कला,मानक नित सम्मानll सहयोगी संघर्ष की,साहस देती मुस्कान।स्वीकृति की नित मापिका,नव जीवन आधानll समरसता नित सूचिका,मौन…

Comments Off on अरुणिम मुख मुस्कान