सम्मान का मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** शक्ति भक्ति में मान ले,मन से कर ले भक्ति।नवरात्रों के पर्व हैं,माँ दुर्गा दे शक्ति॥ माता में हर शक्ति है,करे दीन का मान।शक्ति बने माँ भक्त की,बने दीन का दान॥ नवरात्रों में लोग जो,करते हैं उपवास।रखती माँ हर भक्त में,खुद आकर के वास॥ बलशाली का बल बढ़े,बढ़े दीन का … Read more

मुस्कान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************** जठरानल में अन्न हो,होंठों पर मुस्कान।सबके तन पर हो वसन,सबके पास मकानll धन वैभव सुख इज्जतें,सबको सदा नसीब।सभी बने शिक्षित सबल,सोचे नव तरकीबll सर्व समाज नित प्रगति हो,खुशियाँ मिले अपार।दीन हीन अरु पददलित,हो जीवन उद्धारll न्याय व्यवस्था आम जन,मानक शिक्षा नीति।ऊँच नीच दुर्भाव मन,मिटे मिलें सब प्रीतिll जाति धर्म … Read more

विजयादशमी पर्व है अहंकार की हार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** विजयादशमी पर्व है,अहंकार की हार।नीति,सत्य अरु धर्म से,पलता है उजियारll मर्यादा का आचरण,करे विजय-उदघोष।कितना भी सामर्थ्य पर,खोना ना तुम होशll लंकापति मद में भरा,करता था अभिमान।तभी हुआ सम्पूर्ण कुल,का देखो अवसानll विजयादशमी पर्व नित,देता यह संदेश।विनत भाव से जो रहे,उसका सारा देशll निज गरिमा को त्यागकर,रावण बना असंत।इसीलिए असमय हुआ,उस … Read more

माँ सबकी रक्षा करो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आई संकट की घड़ी,कर संकट से पार।जग कल्याणी माँ करूँ,विनती बारंबार॥ ज्योत जले जगमग सदा,माँ तेरे दरबार।हे माता जगदंबिके,गुण गाए संसार॥ सुमिरन तेरा मैं करुं,कर पूजा दिन रात।‘कोरोना’ अब नाश हो,अंबे मेरी मात॥ विनती तेरी हम करें,दे दें माँ आशीष।दूर हटे विपदा सभी,झुका रहे ये शीश॥ राक्षस का संहार कर,है कोरोना नाम।देवी … Read more

नवदुर्गा रूप

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *************************************************** प्रथम रूप माँ शक्ति का,शैलपुत्रि है नाम।हेमसुता माँ अम्ब है,रूप बड़ा अभिराम॥ हे मात ब्रह्मचारिणी,संकट से कर पार।रूप दूसरा शक्ति का,कर सबका उद्धार॥ न्यारा ही ये रूप है,चंद्रघंट है नाम।रूप तीसरा मात का,लोकोत्तर अभिराम॥ आदिशक्ति प्रभायुक्ता,चौथा दुर्गा रूप।माँ कूष्मांडा नाम है,इनकी शक्ति अनूप॥ मात भवानी शैलजा,पंचम माँ का रूप।कार्तिकेय की मात … Read more

इठलाते लखि वेदना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************************** इठलाते लखि वेदना,खल सम्वेदनहीन।झूठ लूट धोखाधड़ी,धनी विहँसते दीन॥ लावारिस क्षुधार्त मन,देख फैलते हाथ।आश हृदय कुछ मिल सके,कोई बने तो नाथ॥ आज मरी लखि वेदना,दीन दलित अवसाद।दया धर्म करुणा कहाँ,ख़ुद होते आबाद॥ मरी सभी इन्सानियत,मरा सभी ईमान।हेर-फेर कर लाश में,नहीं कोई पहचान॥ देह वसन आवास बिन,रैन बसेरा रात।बंज़ारन की जिंदगी,शीत … Read more

नहीं सृष्टि का मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** नदिया घट-घट में फिरे।सागर तट तक जाय॥प्यास बुझाए जीव की।जो भी लेता जाय॥ व्याकुल सागर हो गया।लहरें रहा उछाल॥नदियां बेचारी सभी।सूख रहीं बेहाल॥ प्राणी सब बेहाल हैं।दूषित है जलवायु॥जीना दूभर हो गया।चैन बिना हर आयु॥ बचपन बूढ़ा हो गया।बूढ़े हैं बेजान॥जीवन की साँसें घटी।नहीं सृष्टि का मान॥ मिटते जाते … Read more

आराधना

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** शारदीय नवरात्रि का,अति पावन त्यौहार।आदि भवानी का करो, ‘शिव’ पूजन सत्कार॥ *शैलपुत्री-शैलसुता के रूप में,प्रथम शक्ति अवतार।वृषभवाहिनी ‘शिव’ तुम्हें,नमन करे शत बार॥ शैलसुता माँ का करो,निश्छल मन से ध्यान।माँ प्रसन्न होकर तुम्हें,देगी ‘शिव’ वरदान॥ *ब्रह्मचारिणी-ब्रह्मचारिणी शक्ति का,दूजा दिव्य स्वरूप।जग जननी दुख दूर कर, धर कर रूप अनूप॥ दाएं कर माला लिए,और … Read more

लगाओ गले

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’ वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** मिले लगाओ जो गले,चलते रहना वीर।जाना अपने लक्ष्य तक,रुक मत जाना धीर॥ मिलें राह में हमसफर,और चलें यदि संग।पहनाओ माला उन्हें,भरकर जोश-उमंग॥ साथ छोड़ना मत कभी,यदि वे चाहत साथ।साथ निभाने का नियम,रहे हाथ में हाथ॥ सजा चलेगा कारवां,सदा रहेगा साथ।रक्षा का संकल्प ले,बन जा दीनानाथ॥ रामचन्द्र की मंडली,को करना तैयार।साथी-संगी-मित्र … Read more

कोरोना-रिश्तों का अहसास

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ***************************************************************** इस कोरोना काल में,सभी हुए पाबंद।दुनिया भी रुक सी गई,चाल हो गई मंदll सन्नाटा पसरा हुआ,लोग हुए बेकार।कुछ न किसी को सूझता,क्या अब करें विचारll कोरोना से हो गया,रिश्तों का अहसास।सभी हो गए आम अब,रहा न कोई खासll अहंकार जो था कभी,अब है कोसों दूर।मानव भी अब हो गया,कुदरत से मजबूरll … Read more