तुझे पा कर

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** पा तुझे मिलती खुशी अनमोल है।मधुर रस में अति पगे प्रिय बोल हैंll तू तमन्ना तू अपेक्षा अति सुघर,तू ही मेरा स्नेहमय मधु घोल है। बात…

0 Comments

आभार

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** भाव प्रकट कर,जीवित हो कर।सबका बन करll कृतज्ञ बनोगे,दिल में होगे।साथ चलोगेll उपकृत बनना,सदा चहकना।संग निबहनाll भूल न जाना,भान कराना।स्मरण दिलानाll हाव-भाव से,चाल-चलन से।पावन मन सेll…

0 Comments

क्या तुम…?

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** क्या तुम सच में प्यार करोगे ?या मारोगे और मरोगे ?? सच बतलाओ झूठ न बोलो,क्या मुझको स्वीकार करोगे ?? सोच-समझकर बतलाओ प्रिय,क्या मुझ पर एतबार…

0 Comments

मेरे मन का मीत

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** मेरे मन का मीत मिला है।दिल का प्यारा हुआ खुला हैll यह स्वप्निल स्नेहिल स्वर्णिम अति।साथ निभाता हिला-मिला हैll चमक रहा है तेजपुंज सा।बहुत दुलारा घुला-मिला…

0 Comments

क्या तुम…?

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** क्या तुम सच में प्यार करोगे ?या मारोगे और मरोगे ?? सच बतलाओ झूठ न बोलो,क्या मुझको स्वीकार करोगे ?? सोच-समझकर बतलाओ प्रिय,क्या मुझ पर एतबार…

0 Comments

प्रेम मिलन

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** प्रेम मिलन का सुंदर अवसर।मंद बुद्धि खो देती अक्सरll प्रेम पताका जो ले चलता।पाता वही प्रेम का अवसरll उत्तम बुद्धि प्रेम के लायक।बुद्धिहीन को नहीं मयस्सरll…

0 Comments

माप तौल कर बोल

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** (रचना शिल्प:मात्रा भार ११/१६) माप तौल कर बोल।सोच समझकर बोला करना॥ बोलो नहीं कुबोल।मृदु भाषी बन चलते रहना॥ बोली हो अनमोल।ठोक बजाकर बातें कहना॥ नहीं बजाओ…

0 Comments

लगाओ गले

डॉ. रामबली मिश्र 'हरिहरपुरी' वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** मिले लगाओ जो गले,चलते रहना वीर।जाना अपने लक्ष्य तक,रुक मत जाना धीर॥ मिलें राह में हमसफर,और चलें यदि संग।पहनाओ माला उन्हें,भरकर जोश-उमंग॥ साथ छोड़ना मत…

0 Comments