सभ्यता और संस्कृति के पुरोधा ‘ऋषभ देव’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** जन्म जयन्ती (२२ मार्च) विशेष… जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ यानी भगवान ऋषभदेव विश्व संस्कृति के आदि पुरुष, आदि संस्कृति निर्माता थे। वे प्रथम सम्राट और प्रथम धर्मतीर्थ के आद्य प्रणेता थे। जैन, बौद्ध और वैदिक परम्परा में ही नहीं, विश्व की अन्य संस्कृतियों में भी उनकी यशोगाथा गाई गई है। … Read more

धर्म पर फैली है भ्रांति

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** धर्म यानि धारण करना…सत्य, सहभागिता, सह-अस्तित्व, समानता, सद्भाव, सहयोग, संतोष, समन्वय, शांति और सचराचर सजीव- निर्जीव के प्रति‌ प्रेम, करुणा दया, अपरिग्रह, यह नैसर्गिक धर्म है। इन्हें सृष्टि रचेयता ने मानव, जीव जगत और सृष्टि के विकास-रक्षण-संवर्धन के लिए प्रतिपादन किया। हम भारतीयों ने इन्हीं गुणों को धारण कर धरती में प्रथम … Read more

शारदीय नवरात्रि:संधि पूजा का बड़ा महत्व

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष)…. शरद ऋतु की मृदु बयार, भोर के समय फूलों, पत्तों और दूब पर शिशिर या ओस की बूंदें, सिउली पुष्पों का झड़ना, ९ दिन तक शक्ति की उपासना या ५ दिन तक दुर्गोत्सव की धूम। उल्लास और उमंग भरे नौ दिन। गुजरात और पश्चिम भारत … Read more

अक्षय तृतीया:सर्वसिद्ध मुहूर्त वाला दिन

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** ‘अक्षय’ शब्द का मतलब है-जिसका क्षय या नाश न हो। मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। यह दिन अबूझ या सर्वसिद्ध या स्वयंसिद्ध मुहूर्त में माना गया है, इसलिए सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है। जो वस्तु आपके जीवन … Read more

कन्या पूजन श्रेष्ठतर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* नवरात्रि विशेष…. भारत में कन्या पूजन की परम्परा अनादि काल से या यूँ कहें आदि सृष्टि की कल्पना ही कन्या सृष्टिजा के रूप में रही है। श्रद्धा, ममता, करुणा, दया, क्षमा, चिन्ता, लज्जा, माया और जननी आदिशक्ति लक्ष्मी के रूप में कुमारी कन्या का पूजन, वन्दन होता रहा है। … Read more

शिव यानि कल्याणकारी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** शिवरात्रि विशेष…. यह शाश्वत सत्य है कि हम दुनिया में मानव रूप में आए हैं तो जग कल्याण हमारा धर्म है। कल्याण करना एक शाश्वत सत्य है। जो सत्य है,वह सुन्दर न दिखते हुए भी सुन्दर होता है। कल्याणकारी कार्य एक सनातन सत्य है। जो सत्य है,वही शुभ है। इसीलिए यह उक्ति … Read more

जय हिंगलाज माँ

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** जय-जय तेरी माँ हिंगलाज,दर्शन करने आए आज। तेरा आशीर्वाद जो पाएं,भवसागर से हम तर जाएं।दुनिया में ज्ञान के दीप जलाएं,तेरी अमर ज्योत उजलाएं।उड़ते रहें पंख परवाज,जय-जय तेरी माँ हिंगलाज…। शक्तिपुंज तेरा जो चमके,जीवन-ज्योत उजाला दमके।मंदिर ध्वजा तेरी जब फ़हरे,जन-जन जय माता कह ठहरें।दर तेरे पहुंच बने सरताज,जय-जय तेरी माँ … Read more

सूर्योपासना का पर्व-छठ पूजा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* छठ पर्व मूलतः सूर्य की आराधना का पर्व है,जिसे हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। हिन्दू धर्म के देवताओं में सूर्य ऐसे देवता हैं जिन्हें मूर्त रूप में देखा जा सकता है। सूर्य की शक्तियों का मुख्य श्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं। छठ में सूर्य के साथ-साथ … Read more

अक्षय फलदायक पर्व है आखा तीज

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बसंत ऋतु का समापन होकर ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होती है और इसी दिन को सनातनी अक्षय तृतीया या आखा तीज कहते हैं। यह दिन अबूझ या सर्वसिद्ध या स्वयंसिद्ध मुहूर्त में माना गया है, इसलिए सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का दिन … Read more

बलवान-बुद्धिमान और रुद्रावतारी बजरंग बली

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* हनुमान जयंती विशेष…. हनुमान (संस्कृत: हनुमान्,आंजनेय और मारुति भी) परमेश्वर की भक्ति (हिंदू धर्म में भगवान की भक्ति) की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हैं। वह कुछ विचारों के अनुसार भगवान शिवजी के ११वें रुद्रावतार,सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार वे … Read more