ये नेता नहीं,कुर्सीदास

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** भारतीय राजनीति के घोर अधःपतन का घिनौना रुप किसी को देखना हो तो वह आजकल के महाराष्ट्र को देखे। जो लोग अपने आप को नेता कहते हैं,वे क्या हैं ? वे सिर्फ कुर्सीदास हैं। कुर्सी के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। शिव सेना-जैसी पार्टी कांग्रेस … Read more

लोकतंत्र `लोक-सुख` या `लोक-दुःख` का ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* देश के सामने हर दिन नयी-नयी समस्याएं खड़ी हो रही हैं,जो समस्याएं पहले से हैं,उनके समाधान की तरफ एक कदम भी आगे नहीं बढ़ रहे हैं,बल्कि दूर होते जा रहे हैं। रोज नई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं,कर रहे हैं। तब ऐसा लगता है कि पुरानी समस्याएं पृष्ठभूमि में चली गईं,पर … Read more

परिणाम भाजपा के लिये चिंता का मुद्दा

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे अनुमान के विपरीत आए हैं। भाजपा को पूरा विश्वास था और मतदान पश्चात के सर्वेक्षण भी बता रहे थे कि दोनों राज्यों में भाजपा को ऐतिहासिक जीत हासिल होगी,यह भाजपा का अहंकार था या विश्वास। भले ही दोनों ही प्रांतों में सत्ता विरोधी लहर नजर … Read more

भाजपा पर लगी रोक…सबक लेगी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** विधानसभा चुनाव…….. मैंने लिखा था कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में यदि भाजपा को प्रचंड बहुमत याने क्रमशः ७५ और २४० सीटें मिल गईं तो भाजपा सरकारें ऐसी हो जाएंगी,जैसे बिना ब्रेक की गाड़ी हो जाती है लेकिन दोनों प्रदेशों की जनता को अब भाजपा की ओर से धन्यवाद … Read more

मुफ्त बाँटने की होड़ कब तक ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* भारतीय राजनीति में खैरात बांटने एवं की सविधाओं की घोषणाएं करके मतदाताओं को ठगने एवं लुभाने की कुचेष्टाओं का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र एवं हरियाणा विधानसभा चुनाव के सन्दर्भ में ऐसी अतिश्योक्तिपूर्ण घोषणाओं को देखा एवं आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए अरविन्द केजरीवाल ऐसी ही घोषणाओं … Read more

जिसकी लाठी उसकी भैंस

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** प्रसंग-भारत रत्न …………………. यह बात सनातन सत्य है कि,हर युग में शासकों ने अपने अपने कार्यकाल में अपने निजियों,सम्बन्धियों और विचार धाराओं वालों को उपकृत किया थाl यह जरुरी भी होता था,कारण कि वे उस शासक के भक्त-पिछलग्गू हो जाते थेl जिनको राजाश्रय मिलता था,उनका सम्मान स्वाभाविक रूप से समाज,सत्ता में … Read more

भारतीय राजनीति में ‘चरण स्पर्श रोग’

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************************************** भारतीय राजनीति और भारतीय मानस का एक लाइलाज लक्षण यह भी है कि जिस काम से बचने को कहा जाए,वही हर हाल में किया जाए। ऐसी ही लाइलाज बीमारियों में से एक है पैर छू संस्कृति। यूँ भारतीय परम्परा में यह बुजुर्गों,श्रेष्ठिजनों,गुरूओं और विद्वानों के प्रति सम्मान करने का प्रतीक है,लेकिन … Read more

आर्थिक मंदी और रविशंकर का फिल्मी चश्मा…

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************************************** क्या देश में सचमुच आर्थिक मंदी है ? अगर है तो वह सत्ताधीशों को क्यों नहीं दिख रही और नहीं है तो आम आदमी अपनी तंग जेब और काम-धंधों को लेकर इतना बेचैन क्यों है ? यदि देश में आर्थिक मंदी है तो वह व्यापक राजनीतिक असंतोष के रूप में व्यक्त … Read more

राहुल की विपश्यना:रण में जूझने और रण तजने का फर्क…

  अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************************************** राजकपूर की ‍यादगार फिल्म ‘बरसात’ का गाना है-‘छोड़ गए बालम मुझे हाय अकेला छोड़ गए…।’ देश की सबसे पुरानी और सर्वाधिक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसा ही आलम है। कहने को देश में २ राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं,लेकिन कांग्रेस इसी में … Read more

पंजाब:हवन करें,पर हाथ बचा कर

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** विगत सप्ताह अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदीकार्यक्रम से पहले सिख संगठनों से मिलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास दिलवाया कि वे जल्द ही उन्हें उपहार देंगे। इस घोषणा के कुछ दिन बाद ही केन्द्र सरकार ने ३१२ सिख अलगाववादियों व आतंकियों के नाम काली सूची से हटा दिए … Read more