कवेलू
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे... गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को…
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे... गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* "क्या,डॉक्टर साब ! ५ तारीख के पहले एबॉर्शन संभव नहीं ?""नहीं ! मेरी कोई डेट खाली नहीं, पर आपको ५ तारीख में क्या प्रॉब्लम है…
डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* ऑफिस से घर पहुंचा ही था तो देखता हूँ कि मेरे दोनों बच्चे अपने हाथों में एक-एक देसी कुत्ते का बच्चा पकड़े हुए गोदी में रखे…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दूसरी सर्जरी के बाद निरुपमा काफी कमजोर हो गई थी। वह मुश्किल से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकती थी, वो भी किसी सहायता…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** 'अजी सुनते हो, घर में आटा खत्म हो गया है। शाम को लौटते समय बाजार से आटा लेते आना। खाना तभी बनेगा, जब आटा आ जाएगा।' रजनी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** बड़ी बहू को रोते देख, दादी सास से रहा नहीं गया। खटिया से खड़ी हो कर लाठी के सहारे टुक-टुक करती हुई प्रेरणा के पास पहुंच गई।…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** 'अजी सुनते हो, राहुल को स्कूल छोड़ने नहीं जाना है क्या। हमेशा गुमसुम बैठे रहते हो। कब तक कोसते रहोगे अपनी किस्मत को। अब नौकरी नहीं लगी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** आज सरला को पूरे ७ साल हो गए अपने पति से दूर रहते हुए। वो बिल्कुल बदल चुकी थी अपने जीवन में। बहुत ही चंचल स्वभाव की…
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ आजकल राधिका दिन पर दिन बहुत उदास और चुप-सी रहने लगी थी। भीड़ मे होकर भी अकेली सी,बोलती हुई भी मौन-सी हो गई थी।केशव से भी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** आज राम प्यारी बहुत उदास थी। उसकी आँखों में आँसू बह रहे थे। शायद रोज़ की भांति बहू ने आज भी उसे भला-बुरा कहा है। बेचारी करती…