माँ

सुशीला जोशी  मुजफ्फरनगर(उतार प्रदेश) ************************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… इतनी बड़ी हवेली में इकली कैसे रहती माँ, बड़ी-बड़ी विपदाओं को चुप-चुप कैसे सहती माँ। कमर झुकी जर्जर काया फिर भी…

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मातृ पद महान

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का पद है जगत में, सब से श्रेष्ठ महान। न्याय प्रेम निस्वार्थता, जग को किया प्रदान। उच्च मातृपद ने दिया,…

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माँ

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ की ममता से बड़ा,नहीं मोल है आज। माता सम भगवान है,रखना इसकी लाजll जगजननी माँ रूप है,हम उनकी…

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माँ

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………   माँ के आँचल से निज सुत पर,निर्झर नेह झरे। अम्बर ज्यों निज ओस-कणों से,शीतल अवनि करे॥ धरती-सा विस्तृत मन…

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माँ ही परिभाषा

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हर परिभाषा माँ से होती, माँ ही हर परिभाषा होती। माँ प्रेम का शब्दकोश है, और विजय का जयघोष है।…

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माँ, हम तुम्हें ही…

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हम बड़े हो गए माँ,तुम्हें समझाने लगे हैं, हम तुम्हें ही तुम्हारे फर्ज गिनाने लगे हैं। तुम उँगली पकड़ के चलना…

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मैं तो,माँ हूँ

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… नौ माह गर्भ के खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ, असहनीय प्रसव पीड़ा के बाद, जब मैंने तुझे जन्म दिया, अपनी गोद में…

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मातृ वंदना

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माता शब्द है जो ममता मानवता का नाम। हृदय से करूँ सभी माताओं को प्रणाम॥   जन्मदायिनी हे माता! तेरा तो पर्याय…

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माँ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हो जिसके पैरों तले 'स्वर्ग' धरती-सी सहनशीलता जिसमें समाती है, खुद भूखा रहकर जो,बच्चे को खिलाती है गीले बिस्तर की…

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तुझे मैं पा नहीं सकता

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** मुहब्बत तो बहुत है पर तुझे मैं पा नहीं सकता, तड़प दिल की ऐ जानेमन कभी दिखला नहीं सकता, तुझे मंजिल मिले वो जो…

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