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माँ

पवन कुमार ‘पवन’ 
सीतापुर(उत्तर प्रदेश)

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मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………

 

माँ के आँचल से निज सुत पर,निर्झर नेह झरे।
अम्बर ज्यों निज ओस-कणों से,शीतल अवनि करे॥

धरती-सा विस्तृत मन जिसका,कोमलकांत हृदय है।
करुणा,नेह,दया,ममता का,मिश्रित रूप विलय है॥

प्यार,दुलार अपार लुटाती,सदगुण नित्य भरे।
अम्बर ज्यों निज ओस कणों से,
शीतल अवनि करे॥

माँ के जैसी केवल माँ है,दूजा और न कोई।
सुत के सुख हित जिसने अपनी,सारी सुध-बुध खोई॥

जिसकी कोमल नेह छुवन से,तन की पीर हरे।
अम्बर ज्यों निज ओसकणों से,शीतल अवनि करे॥

इस जग में निस्वार्थ प्रेम तो,केवल जननी का है।
जिसके कारण धरती पर यह,सारा भार टिका है॥

माँ के आशीषों के आगे,आता काल डरे।
अम्बर ज्यों निज ओस कणों से,शीतल अवनि करे॥

परिचय-पवन कुमार यादव का साहित्यिक उपनाम ‘पवन’ है। आपकी जन्मतिथि २० जुलाई १९९१ और जन्म स्थान-ग्राम गनेरा,जनप-सीतापुर (उत्तर प्रदेश )है। यहीं पर आपका वर्तमान निवास है। उत्तर प्रदेश के श्री यादव ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। आपका कार्यक्षेत्र कृषि कार्य करना है। साथ ही कविता लेखन भी करते हैं। लेखन विधा-छंद,गीत,मुक्तक तथा ग़ज़ल है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन मासिक पत्रिका सहित अंतरजाल और ई-पत्रिका पर भी हुआ है। प्राप्त सम्मान में आपके नाम साहित्य भूषण सम्मान-२०१७,श्रेष्ठ छंदकार सम्मान,साहित्य गौरव सम्मान एवं सवैया साधक आदि दर्ज हैं। पवन कुमार यादव की लेखनी का उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी की प्रगति व राष्ट्र सेवा है।

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