धर्मयुद्ध
क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** जब रणभूमि में आ आमने-सामने शक्तियाँ धर्म अधर्म की टकरातीं हैं, योद्धाओं के सिंहनाद से यह धरा भयभीत होकर बार-बार थर्रातीं है। तब भी यदि कोई…
क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** जब रणभूमि में आ आमने-सामने शक्तियाँ धर्म अधर्म की टकरातीं हैं, योद्धाओं के सिंहनाद से यह धरा भयभीत होकर बार-बार थर्रातीं है। तब भी यदि कोई…
गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** धूप और छाँव की लुका-छिपी, कितनी अच्छी लगती है। धूप में जब थक जाओ, छाँव शीतलता देती है। धूप जीवन का कठोर समय है, छाँव ढलती…
मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** देश हित में बढ़-चढ़कर, आओ मिल मतदान करें। अपने वोट से नेता चुन, देश का गौरव गान करें॥ बहुमूल्य होता मतदान, व्यर्थ में न उसको गंवाएँ।…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान) *********************************************************************************- आज देश की गली-गली में गूँजा एक ही नारा है, देश को जो चोटी पर रक्खे वो सरदार हमारा हैl कुछ ही वर्षों में…
प्रकृति दोशी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** पैरों की उंगलियों ने पानी को छुआ, कहा- तुम कौन हो ? हो कौन तुम पूछा मैंने जब... एक अनजानी चाहत ने लिया खींच मुझे गहराई…
ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* नहीं रहे वे खेत, जिसमें से गुजरकर सौंधी-सौंधी खुशबू के साथ हवा के झकोरे आते थेl नहीं रहे वे किसान, जो दिनभर काम करने के बावजूद…
डॉ.पूर्णिमा मंडलोई इंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** आज मेरी मुलाकात सूरज से हुई, जब अर्घ्य देने छत पर गई। मैंने रवि की तरफ देख पूछा- इतने गर्म क्यों हो रहे हो ? अभी…
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** भिन्न-भिन्न नर जातियां, भिन्न-भिन्न संस्कार हम न किसी आदर्श का, कर सकते प्रतिकार। हर नर का कर्तव्य है, हृदय ग्राह्य आदर्श जीवन में लेकर चलें,…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* नींद आई न मुझको यूँ तेरे बिना, करवटें मैं बदलती रही रातभर। आसमां भी झुक के आता है देखो, धरा से मिलन को यहाँ…
छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** दिव्य लोक की राह में,रश्मि पुंज के मंत्र। महावीर क्षण साधना,जीवनभर का तंत्र॥ अरिहंतों को नमन है,सिद्धजन नमस्कार। साधक संतों नमन है,कृपा…