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सूरज के तेवर

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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आज मेरी मुलाकात सूरज से हुई,
जब अर्घ्य देने छत पर गई।
मैंने रवि की तरफ देख पूछा-
इतने गर्म क्यों हो रहे हो ?
अभी तो सुबह के सात ही बजे हैं,
वो बोला मैं तो सदा से ऐसा ही हूँ
मेरा समय और गर्मी के तेवर निश्चित हैंl
ये सब तुम्हारे ही कारण है मानव
जो तुम ऐसा महसूस करते हो,
अभी भी जाग जाओ
सभी एक पौधा लगाओ और
वृक्ष बनने तक उसको सींचोl
वरना ठंड के दिनों में भी,
तुम यही कहोगे कि मैं गरम हूँll

परिचय-डॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी), एम.एड. करने के बाद पी.एच-डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। वर्तमान में डॉ.मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर लगातार अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-प्रतियोगिताओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान(जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैl वर्तमान में आप जिला शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर सहायक परियोजना समन्वयक के रुप में सेवाएं दे रही हैंl कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशित हो रहे हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य अपने लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

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