आज का मानव

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आज का मानव अपने स्वार्थों में इतना फंस चुका है, अपना करके हिंसा आगे बढ़ रहा हैl दिखता नहीं कुछ निःशेष है अपनी इच्छाओं की…

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आह्वान

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** भय के भयानकतम के मध्य साहस का दीपक जलाओ तुम, विनाश की घुटन में हो निर्भय निर्माण के गीत अब गाओ तुम। जो बन गए युगों-युगों…

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तेरा जाना

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* था यकीं तुमको कि हम तुमको भूल जाएँगे, हमको ये उम्मीद थी कि हम तुमको याद आएँगे...। सिलसिला कुछ यूँ हुआ कि बसर ज़िंदगी होती रही,…

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जनचेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* राजनीति, हर घर की दहलीज़ पर दस्तक देने लगी है, प्रचार की चहल-पहल गाँव-गाँव और, शहर-शहर में होने लगी है। बढ़ा-चढ़ा कर, भाषणों की ज़ुमलेबाजी भोली-भाली…

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टेंशन

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** चहुंओर है टेंशन ही टेंशन, बच्चों को है परीक्षा का टेंशन बड़ों में भी है री-एडमिशन का टेंशन, नौकरीपेशा को है करकटौती का…

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आए माता के नवराते

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** आये माता के नवराते माता को मना लो। मंगलकरणी दुःखहारणी सिद्धिदात्री माँ, माँ दुआरे भक्त पुकारे कष्ट निवार्णी माँ। मुँह मांगी मुरादें पा लो, माता को…

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`मत` डालने निश्चित जाना

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** मौसम आया फिर चुनाव का, फिर अपनी सरकार बनाना। लेकिन अवसर चूक न जाना, वोट डालने निश्चित जानाll प्रत्याशी लेकर आए हैं, लोक लुभावन ढेरों वादेl…

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नया साल आया है

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* माँ,आज तो नया साल आया है, पापा का दोस्त देखो खिलौने लाया है। जिनको तरसती थी निगाहें हमारी, अब फूली नहीं समाती मन की…

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सीने में अंगारे

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंगारे धधक रहे हैं सीने में, इन्हें शान्त न कर... कूद पड़े इस जंग में, हमें रोका न कर। लालच नहीं है सत्ता की, न्याय के…

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इस शहर में

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* रैन में छाया घनघोर अंधेरा,प्रभात लेकर आया कुहासा, दर्द से तड़पते,करवटें बदलते,मन में लिए विकट निराशा छीन हो चुकी थी,दीन हो चुकी थी उसके…

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