फागुन गाता गीत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली सुखकर लग रही,फागुन गाता गीत।तब ही खुश रहना सधे,रहे निकट जब मीत॥रहे निकट जब मीत,तभी होली है होली।वरना सारी रात,सजनिया बेहद रो ली॥बहक रहे जज़्बात,मिलन ने दागी गोली।लगे सदा बेनूर,बलम बिन अब तो होली॥ होली तो रंगीन है,मत होना ग़मगीन।कर धारण उल्लास को,मत … Read more

रंग भरी ये होली

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली आयी घूमकर,कहती सुंदर बात।प्रेम भाव अपनत्व का,अनुपम दें सौगात॥अनुपम दें सौगात,रंग हर समता लाए।मृदुवाणी के शब्द,सुने हर जन मुस्काए॥प्रेम रंग विस्तार,बिछे जैसे रंगोली।मिलकर खेलें खूब,कहे है प्यारी होली॥ होली के सब रंग जो,देते हैं शुभ सार।है प्रतीक हिय भाव का,श्रेष्ठ बनें व्यवहार॥श्रेष्ठ बने व्यवहार,द्वेष … Read more

बाती दीपक में जले

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************** बाती दीपक में जले,करे तिमिर को दूर।जीवन करे प्रकाशमय,रंग भरे भरपूर॥रंग भरे भरपूर,प्रकाशित ये जग सारा।जले तेल के साथ,करे तन मन उजियारा॥कहे ‘विनायक राज’,जले दीपक दिन राती।सदा रहे ये साथ,हमारे दीया-बाती॥

थाली में चंदन रखे

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** थाली में चंदन रखे,तिलक लगाते भाल।बहनों का यह प्यार है,देखो भारत लाल॥देखो भारत लाल,देशहित सेवा करना।बहन न जाना भूल,नयी दुनिया पग धरना॥कहे ‘विनायक राज’,रक्ष करना बन माली।बहन आरती देख,सजाकर करती थाली॥

पूजा की थाली सजे

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** पूजा की थाली सजे,आया पावन पर्व।अपनी ये संस्कृति भली,इन पे हमको गर्व॥इन पे हमको गर्व,मान-सम्मान दिलाते।खुशियाँ मिले अपार,आँगना फूल खिलाते॥कहे ‘विनायक राज’,नहीं सम व्रत है दूजा।इनसे हैं संस्कार,आरती कर लो पूजा॥

आये हैं संसार में

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************************** आये हैं संसार में,करने हैं कुछ काज।दीपक बन जलता रहे,रखने कुल की लाज॥रखने कुल की लाज,काम कुछ ऐसा करना।मातु-पिता भगवान,कष्ट इनके हैं हरना॥कहे ‘विनायक राज’,हँसी मुख से छलकाये।अँधियारा हो दूर,दीप जब बनकर आये॥

हिंद की शान हिंदी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* हिंदी प्यारी है हमें,यही हिन्द की शान।हमको इस पर गर्व है,यह भारत का मान॥यह भारत का मान,इसे हम सब अपनाएं।सृजन करें साहित्य,इसे सुसमृद्ध बनाएं॥संस्कृत इसकी मात,भाल की है ये बिंदी।रखती सबको एक,हमें प्यारी है हिंदी॥ सबके तन-मन में बसे,हिंदी के ही बोल।हिंदी हिंदुस्तान की,भाषा है अनमोल॥भाषा है अनमोल,नागरी लिपि है इसकी।तत्सम … Read more

सबका अपना काम है

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************* सबके अपने काम हैं,करें सुअवसर पाय।कभी निराशा हाथ तो,कभी सफल हो जाय॥कभी सफल हो जाय,लगन जब मन में जागे।कदम सफलता चूम,देख फिर पीछे भागे॥कहे ‘विनायक राज’,बात को सबसे हटके।अपने-अपने भाग्य,सँवरते हैं फिर सबके॥

हिंदी मातृभाषा है शान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष… हिंदी भाषा देश की,अमिट श्रेष्ठ पहचान।जन-जन बोले है इसे,हृदय जगत की शान॥हृदय जगत की शान,भावना सुंदर देती।मृदुवाणी शुभ सार,द्वेष नित यह हर लेती॥नित्य शोभता माथ,लगी हो जैसे बिंदी।मुखर बिंब की शान,श्रेष्ठ है अपनी हिंदी॥ भाषा शुभ संदेश दे,सुन मिलता आनंद।हिंदी कवि की साधना,सृजन करें नव छंद॥सृजन करें … Read more

कहना मेरा मान लो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** कहना मेरा मान लो,करना है कुछ काम।बिना काम के जिंदगी,होती है बदनाम॥होती है बदनाम,सोच लो अब क्या करना।बिना काम आराम,मनुज रे तुझको मरना॥कहे ‘विनायक राज’,संग में सुख-दु:ख सहना।बनना कर्म प्रधान,यही है सबका कहना॥