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आये हैं संसार में

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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आये हैं संसार में,करने हैं कुछ काज।
दीपक बन जलता रहे,रखने कुल की लाज॥
रखने कुल की लाज,काम कुछ ऐसा करना।
मातु-पिता भगवान,कष्ट इनके हैं हरना॥
कहे ‘विनायक राज’,हँसी मुख से छलकाये।
अँधियारा हो दूर,दीप जब बनकर आये॥

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