पुष्प
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ लाली पीली बैगनी,बागों खिलते फूल।उपवन में रहते सभी,कलियाँ जाती झूल॥कलियांँ जाती झूल,प्रेम की बात बताती।अपनी खुशबू संग,बाग को वह महकाती॥रंग-बिरंगे फूल,सजे पेड़ों की डाली।मधुर-मधुर मुस्कान,बिखेरे सुंदर लाली॥ काँटे सँग रहते सदा,सुंदर-सुंदर फूल।कोमल-कोमल पंखुड़ी,नहीं चुभते शूल॥चुभे कभी नहिँ शूल,बीच रहकर मुस्काती।सदा बाँटती प्रेम,ईश चरणों में जाती॥ममता के ये फूल,हमेशा खुशियाँ … Read more