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उपवन

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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वन-उपवन खिलता रहे,छाये सदा बहार।
पर्यावरणी सोच हो,वृक्ष करे उपकार॥
वृक्ष करे उपकार,लगाओ घर-आँगन में।
शुद्ध हवा भंडार,बहे फिर तो बागन में॥
कहे विनायक राज,काटना मत ये कानन।
रक्षा करना आप,सजाना है वन-उपवन॥

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