डालें अच्छे बीज
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कर्म की फसल सबको ही काटनी पड़ती है,अपने रास्ते की झाड़ी खुद ही छाँटनी पड़ती है।और कोई नहीं बांटता हमारी करनी का कुफल-नफ़रत की धूल खुद ही…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कर्म की फसल सबको ही काटनी पड़ती है,अपने रास्ते की झाड़ी खुद ही छाँटनी पड़ती है।और कोई नहीं बांटता हमारी करनी का कुफल-नफ़रत की धूल खुद ही…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*************************************** साँस-साँस में कृष्ण बसे हैं,रोम-रोम में राम,अंतस में हे मित्र तुम्हीं हो,निरख रहे नयना अभिराम।तनहा-सा मैं दूर खड़ा हूँ,और नेह से तुम्हें निहारूँ-स्वीकार करें हे मेरे प्रियवर,मेरा…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी हमें हर मोड़ पर रोज़ आज़माती है,कुछ नई रोज़ हमें बतलाती और सिखलाती है।सुनते नहीं हम बात अंतरात्मा की अपने स्वार्थ में-ईश्वरीय शक्तियाँ भी हमें यह…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. खूँ से सींचा चमन है भूल न जाना,निज की खुशी में ही तुम झूल न जाना।तनिक याद कभी करना वीरों को भी-आजादी है,ये…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. आज विश्व के गौरव हम,सबसे बड़ा है लोकतंत्र,हमारा संविधान ही सूत्र,माला में बांधें है गणतंत्रlविभिन्न धर्मभाषा विविधता,में एकता है मन्त्र हमारा-आज आत्म निर्भर…
शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************* राष्ट्रीय मतदाता दिवस हम सालों से आ रहे मनाते हैं,लोभ स्वार्थ के वशी सत्ता के लिए समझ क्या पाते हैं।मतदान के लिए जागरूकता शीर्ष को सचेत…
बिमल तिवारी 'आत्मबोध'देवरिया(उत्तरप्रदेश)*************************** सीमाओं पर डटें,जो देश की रखवाली करतें हैं,बिना स्वार्थ हित लाभ के जो पहरेदारी करतें हैं।सर्दी शीत धूप ताप से लड़ते जो प्रतिक्षण हैं-उनकें त्याग वीरता की…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* मिट्टी का बदन और साँसें बस उधार की हैं,जाने घमंड किस चीज़ का,बात विचार की है।आदमी बस इक किरायेदार,मेहमान कुछ दिन का-नहीं उसकी हैसियत यहाँ पर जमींदार…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* अल्फ़ाज़ महक जायें तो लगाव बहक जायें तो घाव देते हैं,मौका और दस्तूर देख कर ही शब्द भाव देते हैं।शब्द ही मरहम और हैं तीर-तलवार जैसे भी-यही…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हर रंग से भरा रंगीन हो ये नववर्ष आपका,कभी भी न ग़मगीन हो यह नववर्ष आपका।।नया साल स्वास्थ्य सेहत का हो खज़ाना बेमिसाल-सुनहरे सपनों-सा हसीन हो नववर्ष…