सहेजो देश

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हुए शहीद,चाहा देश आजाद-किया संघर्ष। भगत सिंह,दे कर बलिदान-पाई आजादी। देख गुलामी,डटकर लड़े यूँ-अर्पित शीश। हुए अमर,ना भूलो बलिदान-करो स्मरण। वतन प्यारा,हम ऋणी उनके-अमन प्यारा। सहेजो देश,कीमती…

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है जिंदगानी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बचाएं जल,सोचो जीवन मूल्य-बचेगा कल। बचा पानी तो,जी सकेगा मनुज-है जिंदगानी। यूँ मत ढोलो,बिन पानी कुछ न-इसे संभालो। करो सचेत,हर बूँद अमोल-पड़ेगा रोना। पानी बचाओ,समझो, समझाओ-जीवन पाओ।…

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सृजक नारी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सृजक नारी,मुस्कान है सबकी-सबपे भारी। करे पालन,न अपमान करो-वही आँगन। मत डराओ,सम्मान की आकांक्षी-साथ निभाओ। कर्म ही नारी,रब जन्मा इससे-हाय अबला ! करिए पूजा,हर बात अप्रतिम-मिले ना…

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गुलाल पिया

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गुलाल पिया,प्रेम से रंगा मन-धड़के जिया। लगी लगन,रंग से खेलो जरा-जिया अगन। तुमसे रंग,बिन तुम अबीर-जिया में जंग। दे रूह रंगरहे अमिट छाप-खुशी का रंग। मन पलाश,देखो…

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मन मिलाओ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दूर की सोचो,प्यारा देश हमारा-मिलें विचार। माटी की देह,नफरत का बीज-उग ना पाए। राष्ट्र महान,बढ़े कीर्ति विश्व में-भरो उड़ान। वक्त़ कीमती,हो साथ, थामो हाथ-मिले तरक्की। मत धकेलो,रखो…

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ना धरा चीर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** प्रकृति और खिलवाड़.... समझो पीर,पर्यावरण जान-ना धरा चीर। है कुदरत,संभाले जो सबको-यह फ़िक्र क्यों ? कैसा विकास ?खिलवाड़ से घाटा-हुआ विनाश। नाजुक धरा,मत करो छलनी-समझो जरा। ओ…

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युग पुरूष लाल

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि विशेष... बड़े निरालेयुग-पुरूष 'लाल'-थे रखवाले। फिक्र देश कीस्वच्छ राजनीति-इच्छा भले की। उपाधि 'शास्त्री'था संघर्ष जीवन-प्रधानमंत्री। राष्ट्रहित मेंथा लक्ष्य जनसेवा-नहीं अहित। आँख के तारेथे…

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समता लाओ

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** महक उठा,वन उपवन रे-आओ साथी रे। पहचान लो,मन महक पुष्पों-दे तृप्ति सदा। आज उठेगा,उफान समुन्द्र में-सम्भलें सब। जीतेगा मन,बगिया के रंगों में-आ एक बार। जीवन…

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भेद लक्ष्य

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कर संघर्ष,भेद लक्ष्य संसार-मिलेगा अर्श। डरना भूल,नाव उठा हौंसला-बना उसूल। रखना ध्यान,सफल जब श्रम-मिलेगा मान। टाल अभाव,उम्मीद राह नई-निभाना भाव। बढ़ना आगे,बढ़ चिमनी विश्व-मुश्किल भागे। ख्वाब मंजिल,फिक्र…

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फिसल गया

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ली यूँ विदाई,फिसल गया साल-ले घड़ी आई। माला से मोती,बिखरा टूटकरचिंता ये होती। उम्र भी आगे,बदलती तारीखसमय भागे। सूर्य उतरा,नया चाँद आएगाकौन ठहरा ? रिश्ते बिखरे,पर पंछी…

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