अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
आओ राम जी
कृपा बरसाओ जी
दर्श दिखाओ।
निराले राम
हृदय से स्मरण
बनाओ काम।
विनम्र राम,
हैं अहिल्या तारक
बात निभाई।
न्यायी राम जी,
स्नेह में रोते लोग
प्रजा पालक।
राम-सा बनो
बनो कर्तव्यनिष्ठ
निभाओ धर्म।
आदर्श बने
मर्यादा पुरुषोत्तम
रीत निभाई।
अद्भुत रिश्ता
माँ का रामलला से
पाई ममता।
शांति कारक
दुष्टों को दंड दिया
है संहारक।
सिया के राम
व्याकुल विरह में
भटके राम।
वन गमन
राजसी ठाठ छोड़ा
संग लक्ष्मण।
है मनोहर
मनोहारी है लीला।
हर लो पीड़ा॥