माता हमारी जीवनदायिनी
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* माता हमारी,चाँद-सूरज जैसी-है वह न्यारी। माता का प्यार,अदृश्य वात्सल्य का-फूलों का हार। माता का क्रोध,हमारे भले लिए-कराता बोध। घर की शान,माता रखती ध्यान-करो सम्मान। माँ का दुलार,भुला दे हर दुःख-चोट ओ हार। माता का ज्ञान,माँ प्रथम शिक्षक-बच्चों की जान। घर की नींव,मकान घर बने-लाए करीब। त्याग मूरत,हर दुःख सहती-हो जो सूरत। प्रभु … Read more