पृथ्वी और पर्यावरण
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष………. पृथ्वी कहे-पर्यावरण दिन,मानव जागे। उचित होगा-संरक्षण करना,प्रत्येक दिन। दूषित करे-नदियाँ जलाशय,सोचता नहीं। उजाडे़ वन-वृक्ष काटते सदा,प्रगति नाम। बाढ़ बढ़ावे-तूफान भी भीषण,पावे हताशा। वर्षा गले जो-बदले तापमान,मानव त्राहि। करे दुहाई-सोचे नहीं मानव,आए विपदा। रोको जी क्षति-अपनी जीव दुर्गति,करो प्रगति। वृक्ष लगाओ-हरियाली बढ़ाओ,हानि हो कम। प्रकृति सदा-जीवनदायिनी माँ,देती आशीष। … Read more