खुशियाँ लाई

तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************** गुड़िया आईसंग खुशियाँ लाईहै फुलवारी। सूरत चंदाहै रोशन चेहरारौनक लाई। हो खुशहालीनन्हें सु-कदमों सेयही कामना। अकेलापनदूर किया इसनेहै उपहार। भाग-दौड़ मेंचिड़िया-सी चहकीसुकून लाई॥ परिचय–तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं। यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। साहित्यिक … Read more

जागना होगा, वर्ना…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘पृथ्वी दिवस’ विशेष… जागना होगामर जाएंगे वर्नाबचाओ धरा। दुनिया यहीसबका मूल्य जानोमत बिगाड़ो। हवा चाहिएमन-सुकून लिएपेड़ लगाओ। वायु चाहिएन हो प्रदूषणवन बचाओ। जल कीमतीकम हों रसायनपानी जीवन। दायित्व सच्चायही संस्कार देनाकर्तव्य बड़ा। नहीं दें पीड़ापहरेदार बनेंहोगा अस्तित्व। सृष्टि हमारीसबको दे पोषणबड़ी ही न्यारी। घोर संकटमत उजाड़ो धरास्थिति विकट। पृथ्वी रही तोहम जी … Read more

राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राम ही प्राणमर्यादा का पर्यायराम ही धाम। सत्य सूरतराम का जीवनकर्म मूरत। राम ही राहबनें जीवन-राजासबकी चाह। पुरूषोत्तमवचन है निभायाराम उत्तम। दुःख तमाममिला वनवास भीसंतोषी राम। है चारों धामचरणों में सुकूनखुशियाँ राम। प्रभु आशीषरहता जिस संगवो स्वयं राम। पुत्र राम-साहर मन प्रार्थनामिले मोक्ष-सा। राम ही हितलोक कल्याण रतत्याग सहित। हो निडरताधैर्य न … Read more

ख्वाब

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* बादल आएमन को बड़े भाएआनंदित मैं। होगी बारिशतुम्हारे आने परभीगेंगे हम। बुनता ख्वाबसदा बच्चों के लिएनि:स्वार्थ मन। परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैl महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई … Read more

करे जागृत

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘कविता’ तो हैजीवन की सरिताभाषा की नदी। ‘कविता’ ज्ञानमन से मन जोड़तीस्त्रोत महान। स्वर ‘कविता’बोलती हृदय सेविचार-भाव। करे ‘कविता’सदा आत्मा जागृतदेती है शिक्षा। शब्द सौन्दर्यरचती कई गुण‘कविता’ खान। आदर्श यह‘कविता’ संगीत भीमूल्य खजाना। ये सम्वेदनासुनाती हर पीड़ाखुशी ‘कविता’। जरिया यहदिल से दिल तकरस ‘कविता’। जग भावना‘कविता’ से दुनियाप्रेम-प्रार्थना॥

बरसा रंग खूब

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* रंग हमारेहैं एकदम पक्केचढ़े प्यार से। रंगीन तुमरंगी रंगों में मैं भीमनाएं होली। फागुन आयाबरसा रंग खूबहुए रंगीन। मनभावनहोली के सभी रंगलगे अपने। खेलेंगे सबमनभावन होलीमिलेंगे सब॥ परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी … Read more

जगत के रक्षक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:५-७-५ अक्षर के क्रम में ३ पंक्तियां प्रति पद… भगवान हैं,जगत के रक्षककण-कण में। रूप बदलें,प्रभु रक्षक बनक्षण-क्षण में। पहचानना,मुश्किल है उनकोसबके लिए। ईश्वर रहें,मात-पिता बन केदिखें सबको। लगन, श्रृद्धा,त्याग, प्रेम, विश्वासउनके धाम। प्रभु सजते,जब मन भजताश्री राम नाम। मैंने देखे हैं,देख लेंगे आप भीबुलाइए तो। बिन स्वार्थ के,मूरत को … Read more

विश्वास

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** दुखी मानवसब कुछ पाकरसंघर्षशील। भूल हमारीसुधरेगी अवश्यविश्वास बन। महक उठाघर-आँगन मेराबगिया तुम। राम स्मरणसदा बना रहताबता न सकूं। मन हमारामहत्वाकांक्षी बड़ामानें न हम। मन हारेगातुम्हारे विचारों सेसंभालो इसे। रघुनंदनदशरथ के लालजय श्री राम। राम पधारेबीच हम सबकेजागा भाग्य है। आस बंधी थीसबके हृदय मेंआएंगे राम॥ परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का … Read more

निराला गणतंत्र

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जीवन मंत्रभारत का निरालाहै गणतंत्र। जिम्मेदार होनिभाएं देश धर्मउदारता हो। हुई बर्बादीना भूलें बलिदानमिली आजादी। शान तिरंगाअनेकता-एकतामान तिरंगा। चमके देशफैलाएं हर ख़ुशीहो ये विशेष। भूखा न सोएऐसी हो प्रगतिकोई ना रोए। सबको कामसब सहभागी बनेंहो ऐसा काम। करें भू रक्षावीरता सदा रहेयही हो शिक्षा। नियम पालेंसंविधान नहीं तोड़ेंसाथ में चलें। सम्मान रहेवतन … Read more

अद्भुत रत्न

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बहन बेटीइनको ही सम्भालेंअद्भुत रत्न। है ये आलोककरती फ़िक्र सदासम्भाले लोक। है अरूणिमाहर रूप में सेवाबेटी, कभी माँ। बेटी महानपाती जब शिखरबढ़ता मान। निभाती रीतिजोड़ती हर कड़ीबढ़ाती प्रीति। वीरांगना हैजब आती विपदाहोती गम्भीर। मूर्ति ममताहर गम सहतीरखे समता। देखती ख़्वाबफैलाए स्वयं पंखउड़े नभ में। देनी है शिक्षाबढ़ाए कुल मानयही हो रक्षा। समझो … Read more