कैसे ये सुलझाऊँ ?
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कई सवालकैसे ये सुलझाऊँरोज बवाल। ये टूटे रिश्तेकितना भी संभालूंछूटते रिश्ते। वक्त के ज़ख्मआखिर कब तक ?निभाएं हम। रूप ही भलामन कौन देखता ?सबक मिला। कैसे ठहरें…