अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘कविता’ तो है
जीवन की सरिता
भाषा की नदी।
‘कविता’ ज्ञान
मन से मन जोड़ती
स्त्रोत महान।
स्वर ‘कविता’
बोलती हृदय से
विचार-भाव।
करे ‘कविता’
सदा आत्मा जागृत
देती है शिक्षा।
शब्द सौन्दर्य
रचती कई गुण
‘कविता’ खान।
आदर्श यह
‘कविता’ संगीत भी
मूल्य खजाना।
ये सम्वेदना
सुनाती हर पीड़ा
खुशी ‘कविता’।
जरिया यह
दिल से दिल तक
रस ‘कविता’।
जग भावना
‘कविता’ से दुनिया
प्रेम-प्रार्थना॥