रोती है बिटिया

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* नौ दिन आई हैं माॅ॑ नवदुर्गा,सुख समृद्धि लाई हैं नवदुर्गामन खुशी से झूमता रहा,जब से आई हैं माता नवदुर्गा। पुत्रों को,माॅ॑ ने अजर-अमर किया,पुत्री का माॅ॑ ने सुहाग अमर कियाभरा खाली घर,भन्डार माता,बाॅ॑झन को माॅ॑ बना दी हैं माता। जगत में सभी खुश हुए दुखिया,निर्धन को माता बना दी सुखियाचमत्कारी है,हमारी … Read more

छलावा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** जिन्दगी में जिन्दगी के साथ रहना है जरुरी,सत्य राहों पर सतत निर्बाध बहना है जरूरी। राह में बाधाएं तो आती ही रहती है निरंतर,निकल आती हैं उन्हीं बाधाओं से ही राह अक्सर।मिल ही जाता अपना कोई राह में चलते हुए ही,गाँठ खुलकर दुश्मनी की मेल हो जाता परस्पर।अपने मन के भाव … Read more

मानसिकता

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सासू माँ सुबह से हल्ला मचा रही थी,-सब जल्दी नहा लो। आज नवदुर्गे व्रत का समापन है। आज हवन करने के बाद कन्या लांगुरा को खाना खिलाते हैं। उसके बाद ही घर के सब सदस्य भोजन करते हैं।सब जल्दी जल्दी तैयार होकर हवन बेदी पर बैठ गए। हवन समाप्ति के बाद कन्या … Read more

ईश एक दिव्य अनुभूति

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. दृढ़ आस्था ही उपजाता…हममें अटल विश्वास…,हो प्रतिमा जैसी भी उसमें…लगता ईश्वर का वास…। होने लगती है धीरे-धीरे…कोई दिव्य अनुभूति…,हर्ष रहे या व्यथा पुरानी…वो अक्षरशः होती श्रुति…। पूर्ण समर्पित फ़िर हो जाता…ईश समक्ष मन मेरा…,अलौकिक शक्ति की ऊर्जा का…जैसे आसपास हो घेरा…। उस परम सत्ता का जब-जब…होने लगता … Read more

ईश्वरीय आस्था ही जीवन

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. ईश्वर ही है हमारे एक संरक्षक,जो रहते हैं हर पल बने रक्षक। ईश्वर से कामना है हो सुंदर सलोना स्वरूप,प्रकृति भी धैर्य से सुनती है इसके अनुरूप। ईश्वर की आस्था और उन पर है विश्वास,यही है ज़िन्दगी का सही-सही अहसास। ईश्वरीय वरदान है यह एक नियमित आधार,इसके बिना … Read more

भौतिकवाद युग में ईश्वर व आस्था का तोल-मोल

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. हे भगवान! हे भगवान! कैसी है तेरी शान,तूने सूरज-चाँद सजाए,धरती और आकाश बनाए।मनुष्य-मनोवृत्ति की गंध में ईश्वर का मानवीय साक्षात् दर्शन करने या ईश्वर की बनाई सृष्टि के रहस्यों को खोजने की प्रथम उत्सुकता व जिज्ञासा सदैव से रही है। ब्रह्मांड व सृष्टि का रचयिता … Read more

…ईश्वर पर आस्था बने हमारी शक्ति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. बचपन से ही माता पिता और गुरूजनों द्वारा प्रदर्शित संस्कारों में हमारी उत्कृष्ट संस्कृति से मेरा परिचय हुआ। इसके साथ हमारे भारतीय ग्रंथों को भी पढ़ने का सुअवसर मिला। जीवन यात्रा में बढ़ते हुए विभिन्न आस्थाओं से जुड़ी पुस्तकें भी पढ़ी,और समझना चाही। मैंने … Read more

धुंध छायी हर तरफ

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* विश्व में छाने लगीं अब युद्ध की तैयारियां।धुंध छायी हर तरफ रोने लगी किलकारियां॥ बाज लोहे के दिखाते पैंतरे आकाश में,आग तोपों से निकलती युद्ध के अभ्यास में।और धरती पर उगीं बारूद की फुलवारियां,विश्व में छाने लगीं…॥ खींच कर भागे फिरंगी लीक दो-दो युद्ध की,हो रही दूषित धरा नानक गुरू औ … Read more

वन से रिश्ता जोड़

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** छाया तरुवर से मिले,वन से रिश्ता जोड़।स्वच्छ रहे पर्यावरण,इससे मुँह मत मोड़॥इससे मुँह मत मोड़,साथियों वचन निभाना।छाया हो भरपूर,आज से पेड़ लगाना॥कहे ‘विनायक राज’,बदलती इससे काया।सुख मिलता है बैठ,मिले जब तरुवर छाया॥

पुरस्कार जरूरी

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी,ज्ञान के लिए पुरस्कार जरूरी।करते हैं जो सदा ही काम बुरा,दूर से उनको नमस्कार जरूरी। जग में भली ईमानदारी सबसे,बेईमानों का बहिष्कार जरूरी।शोभा बढ़ती काव्य की जिससे,शब्दों के साथ अलंकार जरूरी। चुनाव करना हो जब सर्वश्रेष्ठ का,प्रत्यक्ष सबका साक्षात्कार जरूरी।अच्छाई को ही अंगीकार करना,बुराई को सदा इनकार … Read more