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ईश्वरीय आस्था ही जीवन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष…..

ईश्वर ही है हमारे एक संरक्षक,
जो रहते हैं हर पल बने रक्षक।

ईश्वर से कामना है हो सुंदर सलोना स्वरूप,
प्रकृति भी धैर्य से सुनती है इसके अनुरूप।

ईश्वर की आस्था और उन पर है विश्वास,
यही है ज़िन्दगी का सही-सही अहसास।

ईश्वरीय वरदान है यह एक नियमित आधार,
इसके बिना है दुनिया में सब कुछ यहां बेकार।

ईश्वरीय शक्ति पर है सबको एक विश्वास,
इसके बिना जीवन में सब कुछ है उदास।

जीवन मंत्र है एक नियमित ईश्वरीय वरदान,
इसके बिना जीवन में नहीं मिलता कभी सम्मान।

ईश्वरीय आस्था से बनती है जीवन की एक बात,
सबसे उत्तम सहारा है जो जीवन में चले हम साथ।

आस्था के बिना नहीं है यह सफर कभी सफल,
धैर्य भी बतलाता है रखें ईश्वरीय प्रेम को हर पल।

हमारी आस्था संस्कारों को जीवित रखने का है,एक सम्बल प्रयास।
इसके बिना जीवन में हर पल दिखता है जैसे,प्रेम की बगिया उदास।

आस्था के बिना प्रेम बस एक बड़ा उपहास है,
ज़िन्दगी का यह एक सच्चा व अनूठा प्रयास है।

ज़िन्दगी की डोर की मजबूती के लिए यहां,हम-सब में आस्था बहुत जरूरी है।
आस्था का अभाव परमात्मा से अनुभूति पाने में,बढ़ा देता बहुत दूरी है।

यह ईश्वरीय आस्था हम-सबकी आयु भी खूब, बढ़ाती है,
आस्था के बिना जिंदगी में जीवन की राह धीमी,हो जाती है।

आज भी हम-सब जीवित हैं आस्था एक भाव व, सन्मार्ग है,
ईश्वरीय आस्था ही ईश्वर के पास जाने का एक मार्ग है।

ईश्वरीय आस्था आत्म दर्शन भी कराती है,
यह हमें परमात्मा के बहुत करीब पहुंचाती है।

ईश्वर में सत्य और ज्ञान का यह श्रृंगार है,
हम-सबको यहां इस उद्यम की दरकार है।

ईश्वर एक विश्वास है,आशा है व एक मन है,
शान्ति की प्राप्ति का यह एक अचूक धन है।

धर्म और दर्शन कराने के लिए भी ईश्वरीय,आस्था बहुत जरूरी है,
इसके बिना जिंदगी में ईश्वर की अवधारणा को,मूर्त रूप देना हम-सबकी मजबूरी है।

हमें ईश्वर को साक्षी मानकर यह प्रण अब लेना होगा,
आस्था को अब मजबूती से पकड़ कर रखने का, अब सबको वचन देना होगा॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा और बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचनाकर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र,हिंदी,इतिहास, लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एल.एल.बी., एल.एल.एम.,एम.बी.ए.,सी.ए.आई.आई.बी. व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता,रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह)आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर,चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानियाँ(पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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