आना-जाना तय
संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** जिंदगी चार दिन की जाना तय है,दिन उजाला तो रात का आना तय है। जन्म से पहले जहां था मैं कभी,उस जहां में वापिस जाना तय है।…
संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** जिंदगी चार दिन की जाना तय है,दिन उजाला तो रात का आना तय है। जन्म से पहले जहां था मैं कभी,उस जहां में वापिस जाना तय है।…
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** फैक्ट्री की नौकरी में रमेश का मन बिल्कुल नहीं लगता था लेकिन घर की परिस्थिति और मज़बूरी के कारण उसे ये नौकरी करना बहुत ज़रूरी था।…
वाणी वर्मा कर्णमोरंग(बिराट नगर)****************************** जब प्रकृति किसी सेभेदभाव नही करती,कुछ देने से पहलेमरने से पहले,नहीं पूछती जात-धर्मयहां तक कि महामारी भी,नहीं पहचानती जात-धर्म।पेशा-व्यवसायअमीर-गरीब,ऐसे ही हैं भगवानउनके घर सब हैं जाते,अपनी…
मंडला(मप्र)। राष्ट्रीय हिंदी महासभा,दक्षिण-पश्चिम मध्य क्षेत्र द्वारा आदि शंकराचार्य जयंती पर व्याख्यान माला व पुस्तक विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इसमें सुपरिचित साहित्यकार प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे ने शोधपरक व्याख्यान देते…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** विधाता ने सृष्टि बनाई,और उसके नियम बनाएजिन्हें पृथ्वीवासियों को,मानना सबका कर्तव्य हैअब हम मानें या न मानें,ये सब पर निर्भर करता हैक्योंकि विधाता ने तो,सब कुछ आपको…
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचनाशिल्प:कुल ३२ मात्राएं,१०-८-८-६ मात्रा पर यति। प्रत्येक पंक्ति के दो चरण विकल्प से समतुकांत तथा २-२ पंक्ति सम तुकांत। हे प्रकृति महाकवि,जन्मभूमि रवि,तुम पहाड़ के,गुरुवर हो।तुम…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** समय की बेसब्र तितलियाँ,समाहित अतल मुझमेंवीराने के बागबां में,उड़ती हैं निकल-निकल। कभी मेघ बन बरसती है,कभी हवाओं में उड़तीमन आकाश में टहलती,नैन करती सजल-सजल। तसल्ली देती तितलियाँ,हताश करती…
रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** बात उन दिनों की है जब मेरी उम्र लगभग १२-१४ वर्ष रही होगी। हमारे प्रयागराज में हर साल माघ मेला लगता है। हम संयुक्त परिवार में ही रहते…
इंदौर(मप्र)। काव्य ग़ज़ल भारत वर्ष समूह पर ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। कवियों ने ऑडियो-वीडियो और टंकण रचनाएँ भेज कर काव्यपाठ में भाग लिया। विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट लेखन…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचना शिल्प:मात्रा भार १६/१२ संसार के करतार भगवन,प्रार्थना सुन लो प्रभो।कष्ट अब मिट जाए सभी के,शोक हर लो हे विभो॥ रोते बिलखते लोग दिखते,आज विपदा आ…