मन्नतों के धागे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मन्नतों के अनगिनत धागे मैंने बांध दिए…।रात के बाद प्रातः सूरज ने फिर सवाल किए॥ बादलों पर चित्र उकेरे और दिया संदेशा,आयेगा जवाब कोई मन में था अंदेशा।उम्मीद नाकाम हो रही उदास जिंदगी जिये।रात के बाद…॥ कितनी कही-अनकही बातों की साथ थी सरगम,यादों की अनगिनत लड़ियां भी साथ थी हरदम।खोज में ही … Read more

पितृ देव की कृपा..

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** पितृ पक्ष विशेष….. मैं तो करुँ ना कुछ भी,सब काम हो रहा है,होती सुबह है हँसकर खेलते ही शाम हो रही हैपितृ देव की कृपा से सब काम हो रहा है,करते हो तुम जनक जी,मेरा नाम हो रहा है। पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है,हैरान है ज़माना मंजिल भी … Read more

नवरात्र शक्ति आराधना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सर्व अमंगल,मंगलकारी,दुःख-पीड़ा से तारण हारी।जग-तम में तू ही उजियारी,जीव कंटकों में फुलवारी।अब तो आजा,हे जग माँ तू,यह दुनिया तुझ ही को पुकारी…॥ स्मरण तेरा शुरू करें हम,घट को स्थापित करके।घट-घट में है तू ही बसती,शक्ति जागृत करके।अखण्ड जोत तेरी नव दिन बालूं,मन से ज्ञापित करके।धूप,अगर और करूँ क्या अर्पण,तू … Read more

हिंदी का होना,हिंदी का रोना,हिंदी का ढोना

राहुल देवदिल्ली**************************** भारत के केंद्रीय सरकारी विभागों,कार्यालयों, बैंकों,विश्वविद्यालयों में सितंबर एक खास सितम का महीना है। एक संवैधानिक कर्तव्य निभाने की कठिन मजबूरी का महीना है। इस कठिन काल में जय-हिंदी का जाप संवैधानिक मजबूरी का ताप शांत करता है। हिंदी का होना या हिंदी का रोना या हिंदी का ढोना,भीतरी भाव कुछ भी हो,अनुष्ठान … Read more

जोग चढ़े,रोग चढ़े

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** जोग चढ़े,रोग चढ़ेचढ़े ताप तेरे नाम का,देह रेशा-रेशा जाप करेले नाम प्रभु राम का। वक्त बयार बहाओ ऐसीहर कण मंदिर हो जाए,धड़कन हर-हर गूंजेहृदय डमरू हो जाए। एक छिद्र नाशा ‘रा’ बहेदूजा ‘म’ का हो जाए,‘मै’ विलय अभिमान काकहीं ‘रा’ में खो जाए। शम्भू मुझे शम्भू कर दोज्योति उर ऐसी भर दो,ज्ञान … Read more

एहसास

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* हर पल करीब होने का एहसास, कानों में गूंजती तुम्हारी आवाज़।दृष्टि जाकर रूक जाती मुख्य द्वार, दिल पे दस्तक देती आहट बार-बार॥ परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई हैं। इनका जन्म २२ अगस्त १९६७ को रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) में हुआ है। शिक्षा- … Read more

बड़ा बहादुर लाल था

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************** अंतर्मन स्वाधीनता,सत्य अहिंसा मंत्र।शास्त्री गांधी शिष्य गुरु,हिला ब्रिटिश खल तंत्र॥ तन मन धन अर्पण वतन,सत्याग्रह पथ क्रांति।आज़ादी अरमान बस,सुख वैभव बल शान्ति॥ मुक्ति मिली पराधीनता,भारत हुआ स्वतंत्र।संविधान गणतंत्र बन,गांधी सच पथ मंत्र॥ खुशियों की नव अरुणिमा,सुखद देश स्वाधीन।बन प्रकाश उन्नति वतन,सम समाज श्री हीन॥ शिक्षा सब जन हो सुलभ,मिटे … Read more

तुम क्या जानोगे ?

मच्छिंद्र भिसेसातारा(महाराष्ट्र) ************************************** खंडहरों में जीने का गम,तुम क्या जानोगे,पूरब हूँ मैं,सूर्यास्त के बाद दिल की तड़प तुम क्या जानोगे ? अक्सर आप-बीती पर,सभी मशवरे देते तो हैं,मेरे दिल की बुझी चिंगारी का,भड़कना तुम क्या जानोगे ? कितने ही जुगनू लौ पर,जान अपनी लुटा देते‌ तो हैं,दिल से निकली दर्द-दुआ,बेजुबान दीपक तुम क्या जानोगे ? … Read more

हे! बापू तुमने…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दोहे लिक्खूँ गाँधी तुझ पर,या रच दूँ मैं गीत।गाँधी बाबा तुम सचमुच थे,जन्मों के मनमीत॥ बिलख रही जब भारत माता,तुमने फर्ज़ निभाया।मार फिरंगी को लाठी से,तुमने दूर भगाया॥तुम में देशभाव व्यापक था,निभा गए तुम प्रीत।गाँधी बाबा तुम सचमुच थे,जन्मों के मनमीत…॥ अत्याचारों की आँधी को,तुमने बढ़कर रोका।सत्य,अहिंसा के नारों से,दुश्मन … Read more

अहिंसा के पुजारी बापू

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** वैष्णव जन की पीर पराई,गाते सभी हैं,हरता कौन ?सुनते सभी गांधी वचनों को,वचनों पे अमल करता कौन ? कहते सभी गांधी को बापू,उनकी तरह मौन रहता कौन ?आपस में टकराव है सबके,एक-दूजे के ग़म सहता कौन ? अमर हो गए महात्मा गांधी,आज़ादी के लिए मरता कौन ?जीवन के अंतिम क्षण में भी,भक्ति … Read more